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Maha Kumbh 2025 : कुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो न रखें मलाल, इस विधि से घर बैठे ही मिल जाएगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

Maha Kumbh 2025 : कुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो न रखें मलाल, इस विधि से घर बैठे ही मिल जाएगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ 2025 में मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग इसमें घायल भी हुए, जिनका उपचार किया जा रहा है। हालांकि अब कुंभ (Maha Kumbh 2025) में स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन अभी भी स्थानीय प्रशासन और अखाड़ों की तरफ से अपील की गई है कि लोग जहां हैं, वहीं गंगा नदी में स्नान (Maha Kumbh 2025) कर लें, इससे भी उन्हें उसी पुण्य की प्राप्ति होगी, जो उन्हें त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam) में स्नान करने से प्राप्त होगा। वहीं हालात काबू में आने के बाद अखाड़ों के साधू भी भी अपनी परंपरा के अनुसार महाकुंभ में अमृत स्नान (Amrit Isnan in Maha Kumbh 2025) करने के लिए तैयार हो गए। इससे पहले भगदड़ के चलते महाकुंभ में बने हालातों को देखते हुए अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था। हालांकि अब तमाम अखाड़ों के साधू अपने प्रचलित शाही अंदाज में जुलूस निकालने की बजाय साधारण तरीके से स्नान करने पहुंचे।

 

क्या घर पर भी किया जा सकता है अमृत स्नान ?

वहीं इसके बाद ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या घर पर ही स्नान (Amrit Isnan at Home) करके भी पवित्र त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ कमाया जा सकता है ? अगर आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा है और आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुंभ (Maha Kumbh 2025) में जाने के प्लान पर फिर से विचार कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद खास होने वाली है। इसलिए इसे शुरू से आखिर तक पढ़ें। इसमें हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आप घर पर ही त्रिवेणी स्नान (Triveni Isnan) का पुण्य कमा सकते हैं।

 

Maha Kumbh 2025 : कुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो न रखें मलाल, इस विधि से घर बैठे ही मिल जाएगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

आसपास पवित्र नदी या सरोवर नहीं है तो न लें टेंशन, घर में ही कर सकते हैं अमृत स्नान

सबसे पहले तो महाकुंभ का लाभ उठाने के लिए आप सूर्योदय से पहले जागें, क्योंकि अमृत स्नान (Amrit Isnan in Maha Kumbh 2025) का सही मुहूर्त (Amrit Isnan Shubh Muhurt) भी इसी समय माना गया है। वहीं आप जहां रहते हैं, वहां आसपास अगर कोई पवित्र नदी या सरोवर नहीं है, तो आप अपने घर के सामान्य पानी में ही थोड़ा पवित्र गंगा जल (Ganga Jal) मिलाएं और फिर पूरी आस्था के साथ उस जल से स्नान करें और मन में यही भाव रखें कि आप संगम में ही स्नान कर रहे हैं।

 

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गंगा स्नान या घर में स्नान करते समय इस मंत्र का करें जाप

इसके साथ ही आप चाहे घर में स्नान कर रहे हों, या गंगा में स्नान कर रहे हों, दोनों ही स्थितियों में स्नान करते समय इस मंत्र का जाप जरूर करें।

 

“गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरू।”

 

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इसका अर्थ है कि हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी, कृपया इस जल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। मान्यता है कि इससे इन सभी नदियों में स्नान का पुण्य फल आपको प्राप्त होता है। वहीं अगर आप इस मंत्र का जाप नहीं कर पा रहे हैं, तो स्नान करते हुए "हर हर गंगे" का जाप करें।

 

Maha Kumbh 2025 : कुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो न रखें मलाल, इस विधि से घर बैठे ही मिल जाएगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

किसी तरह का साबुन-शैंपू न करें इस्तेमाल, स्नान के बाद दान-पुण्य का है विशेष महत्व

अमृत स्नान (Maha Kumbh 2025) करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसका पुण्य आपको पूरी तरह मिल सके, इसके लिए स्नान करते समय किसी तरह के साबुन, डिटर्जेंट या किसी भी प्रकार के शैम्पू का उपयोग न करें। कुंभ में 5 डुबकी लगाने की परंपरा है, इसलिए घर पर मन में मां गंगा का पुण्य स्मरण करते हुए स्नान करें। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें और तुलसी माता को भी जल चढ़ाएं। महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में दान का विशेष महत्व है, इसलिए स्नान के बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों, असहायों और गरीबों को धन, कपड़े, अन्न आदि का दान करें।

 

Maha Kumbh 2025 : कुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो न रखें मलाल, इस विधि से घर बैठे ही मिल जाएगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

सात्विक भोजन करें, वरना नहीं मिलेगा महाकुंभ स्नान का पुण्य लाभ

इसके अलावा अगर आप घर पर ही महाकुंभ स्नान (Maha Kumbh 2025) का लाभ लेना चाहते हैं, तो स्नान के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। यानि आपके भोजन में प्याज, लहसुन और तीखे मसालों का इस्तेमाल न किया गया हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही अमृत स्नान के लिए शारीरिक शुद्धता के साथ-साथ मानसिक शुद्धता रखनी भी बेहद जरूरी है। इसलिए अपने मन को भी शुद्ध रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

 

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तामसिक भोजन न करने के पीछे का समझें वैज्ञानिक पहलू भी

वहीं अगर तामसिक भोजन न करने के पीछे का वैज्ञानिक पहलू देखें, तो अगर आप तामसिक यानि प्याज, लहसुन और तेज मिर्च-मसाले वाला भोजन करते हैं, तो आपके शरीर में इस तरह के एंजाइम उत्पन्न होते हैं, जो आपको गुस्सा दिलाते हैं और आपका मन शांत नहीं रह पाता। इससे आप दूसरों से कई बार झगड़ भी लेते हैं। इसीलिए धार्मिक आयोजनों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि उनमें प्याज-लहसुन का इस्तेमाल न किया गया हो। वहीं धार्मिक आयोजन करवाने वालों को भी तामसिक भोजन से दूर रहने की बात पौराणिक शास्त्रों में कही गई है।

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