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Kishtwar Cloudburst: बादल फटने से तबाही से अब तक 52 की मौत, 200 से अधिक लापता

Kishtwar Cloudburst: बादल फटने से तबाही से अब तक 52 की मौत, 200 से अधिक लापता

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के किश्तवाड़ (kishtwar) जिले में माता चंडी के मंदिर के मचैल यात्रा मार्ग पर गुरुवार, 14 अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही आ गई। कुदरत के कहर में घर, लंगर स्थल, वाहन तिनके की तरह बहते नजर आए। सूत्रों के अनुसार किश्तवाड़ बादल फटना में अभी तक करीब 52 शव बरामद किए जा चुके हैं, करीब 120 लोग घायल हैं और 200 से अधिक लापता हैं। कल से सुरक्षा बचाव का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

 
उत्तरकाशी के धराली में आपदा के दर्द से देश अभी उबर भी नहीं पाया था कि जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे बादल फटा, किश्तवाड़ बादल फटने का हादसा तब हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चशोटी गांव पहुंचे थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी। यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं। सभी भयावह बाढ़ के पानी में बह गए।

 
जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ हादसा जहां हुआ, जम्मू से करीब 115 किलोमीटर दूर किश्तवाड़ जिला और उससे 95 किलोमीटर मचैल माता मंदिर के रास्ते पर पहला गांव है। मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में होती है। इसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलने वाली थी। यात्रा निरंतर जारी थी और बीच-बीच में वर्षा हो रही थी। मौसम विभाग की ओर से भी भारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन का अलर्ट जारी किया गया था।

 

किश्तवाड़ बादल फटने से पहले वहां श्रद्धालुओं के लिए लंगर चल रहा था, जो पूरी तरह तबाह हो गया। हादसे के समय बारिश जारी थी और लंगर में दोपहर के भोजन का समय था। लंगर में सेवादार, खाना बनाने वाले कारीगर और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।


किश्तवाड़ बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवान भी बलिदान हुए हैं। प्राकृतिक आपदा में कई लोग मलबे में दबे हैं, हताहतों की और संख्या बढ़ने की आशंका है। यह भयंकर तबाही धराली हादसे के नौ दिन बाद हुई है। सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। राहत बचाव अभियान में करीब 167 लोगों को बचाया गया है। मौसम खराब होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है।


जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बचाव कार्यों पर एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, "यहाँ लोगों को बचाना मुश्किल होगा क्योंकि हमारे पास अभी सिर्फ एक जेसीबी है। जब जेसीबी खुदाई करेगी, तो हम ऊपर दबे लोगों को निकाल लेंगे।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

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