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Diwali 2024 Date : दिवाली की तारीख को लेकर लोग असमंजस में, 30 अक्टूबर या 1 नवंबर आखिर कब है दिवाली?

Diwali 2024 Date : दिवाली की तारीख को लेकर लोग असमंजस में, 30 अक्टूबर या 1 नवंबर आखिर कब है दिवाली?

Diwali 2024 : दीपावली, जिसे हम दीपों का त्योहार भी कहते हैं, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहार है। यह त्योहार अंधकार से प्रकाश की ओर जाने, बुराई पर अच्छाई की जीत और सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदूओं का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है। अगर हम हिंदू पंचांग की बात करें तो उसके अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दस दौरान मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। दिवाली की तैयारियां काफी दिनों पहले से होने लगती है। दिवाली के त्योहार से पहले, लोग अपने घरों की साफ-सफाई में जुट जाते हैं। यह परंपरा न केवल घर को शुद्ध करने के लिए है, बल्कि यह देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए भी किया जाता है। वहीं लोग दिवाली के दिन घर को रंगोली, दीपक, फूल-मालाओं और रंगबिरंगी लाइटों से विशेष सजावटें करते हैं। दिवाली की रात माता लक्ष्मी की विशेष महिमा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात माता लक्ष्मी बैकुंठ लोक से पृथ्वी पर आती हैं, जहां वे उन घरों में वास करती हैं जो साफ-सुथरे और सजे-धजे होते हैं।

 

इस साल दिवाली की तारीख को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई है, दरअसल इस वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है, जिसके चलते कुछ लोग दिवाली 31 अक्तूबर को तो कुछ 01 नवंबर को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष और वैदिक पूजा-पाठ के विद्वान दिवाली की डेट को लेकर क्या सलाह दे रहें हैं।

 

दिवाली : 31 अक्तूबर या 01 नवंबर ?
शास्त्रों के अनुसार दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर और 01 नवंबर दोनों ही दिन पड़ने के कारण भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। जो 01 नवंबर की शाम 05 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या तिथि के रहने पर और प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है। इस तरह से, 31 अक्तूबर को अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त में दीपावली मनाना शुभ होगा। यह विशेष मुहूर्त माता लक्ष्मी की पूजा और दीप जलाने के लिए उत्तम माना जाता है।

 

दिवाली की तिथि को लेकर पंडितों का तर्क
अयोध्या में इस वर्ष दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। जबकि काशी के पंडितों के मुताबिक, इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना ही फलदायी रहेगा। उनका मानना है कि अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

दिवाली 2024 : लक्ष्मी पूजन शुभ मूहूर्त
31 अक्तूबर को शाम 6 बजकर 27 मिनट से रात लेकर 8 बजकर 32 बजे तक दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त है। वहीं रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात तक 12 बजकर 31 मिनट तक दिवाली पूजन का निशिता मुहूर्त बताया जा रहा है।

 

 

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