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उत्तराखंड में केंद्रीय टीम का आपदा क्षेत्रों का दौरा, पुष्कर सिंह धामी ने जताई चिंता

उत्तराखंड में केंद्रीय टीम का आपदा क्षेत्रों का दौरा, पुष्कर सिंह धामी ने जताई चिंता

उत्तराखंड (Uttarakhand) इस बार मानसून के कहर से जूझ रहा है। अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हाल ही में केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालयी टीम (Inter-Ministerial Team) ने उत्तराखंड (Uttarakhand) के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और राहत व पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात, केंद्रीय टीम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से भेंट कर अपनी रिपोर्ट साझा की ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस मौके पर कहा कि- उत्तराखंड आपदा (Uttarakhand disaster) की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है। हर वर्ष मानसून के दौरान राज्य को अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन, बाढ़, और जलभराव जैसी गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस बार भी अत्यधिक वर्षा ने न केवल जनहानि की, बल्कि राज्य की परिसंपत्तियों को भी गम्भीर क्षति पहुंचाई है।


केंद्रीय टीम का दौरा और रिपोर्ट

बता दें कि अंतर मंत्रालयी टीम (Inter-Ministerial Team) के सात सदस्यों ने उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और नैनीताल के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने धराली-हर्षिल, थराली, सैंजी, कपकोट, छेनागाड़ जैसे इलाकों में जाकर उत्तराखंड आपदा (Uttarakhand disaster) के दुष्प्रभावों का जायजा लिया। साथ ही केंद्रीय टीम (Central Team) ने बताया कि- इन क्षेत्रों में न केवल मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, बल्कि लोगों का जीवन भी खतरे में पड़ा है।

वहीं टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि- राज्य सरकार द्वारा राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया गया है। मृतकों के परिजनों और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के मालिकों को 5 लाख की सहायता राशि दी गई, जिससे प्रभावितों को काफी राहत मिली। केंद्रीय टीम (Central Team) ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की ।

गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष प्रयास


केंद्रीय टीम का दौरा (Central Team) अहम रहा जिसमें अंतर मंत्रालयी टीम (Inter-Ministerial Team) ने गर्भवती महिलाओं के लिए किए गए विशेष प्रबंधों की भी तारीफ की । प्रत्येक जिले में गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डेटा एकत्रित किया गया है और उनके स्वास्थ्य तथा सुरक्षित प्रसव हेतु प्रशासन लगातार संपर्क में है। केंद्रीय टीम (Central Team) ने सुझाव दिया कि यह मॉडल अन्य राज्यों में भी अपनाया जाना चाहिए।


पूर्वानुमान प्रणाली के विकास पर बल


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इससे स्थायी रूप से जमीन का नुकसान हो रहा है और इन क्षेत्रों में दोबारा खेती या निर्माण कार्य करना असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों के लिए दीर्घकालिक पुनर्वास नीति और स्थायी समाधान की आवश्यकता है। पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को मिलकर मौसम और आपदा पूर्वानुमान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना चाहिए। इससे न केवल समय पर चेतावनी मिलेगी, बल्कि नुकसान को भी कम किया जा सकेगा।


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