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CCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप पर लगाया 213 करोड़ का जुर्माना, जानें इसकी वजह

CCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप पर लगाया 213 करोड़ का जुर्माना, जानें इसकी वजह

CCI :  भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने सोशल मीडिया (social media) प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप पर 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना व्हॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर की गई कार्रवाई का हिस्सा है। जिसमें यह आदेश दिया गया है कि व्हॉट्सएप को अपनी पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) और उसके अन्य सहयोगी कंपनियों के साथ यूजर डेटा साझा करने से रोका जाए। यह CCI द्वारा व्हॉट्सएप पर की गई पहली ऐसी कार्रवाई है, जो डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर उठाए गए कदमों को ध्यान में रखते हुए की गई है।


मेटा पर 213.14 करोड़ का जुर्माना
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सोमवार को मेटा (Meta) पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 2021 में व्हॉट्सएप (WhatsApp) की प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए बदलावों के बाद अनुचित व्यापारिक प्रथाओं के लिए लगाया गया है। इसके साथ ही, CCI ने मेटा को आदेश दिया है कि वह प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों को तुरंत समाप्त करे और भविष्य में उनसे बचने के लिए कदम उठाए। एक आदेश में कहा गया कि- प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को मेटा पर अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।


क्यों की ये कार्रवाई?
सीसीआई ने डॉमिनेंस के दुरुपयोग के खिलाफ आदेश जारी करते हुए कहा कि- यह जुर्माना व्हॉट्सएप की 2021 में लागू की गई प्राइवेसी पॉलिसी के तरीके को लेकर है। इसमें यूजर्स का डेटा किस तरह से एकत्रित किया गया और इसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ कैसे साझा किया गया, इस पर गौर किया गया। आयोग ने इसे एक अनुचित व्यापारिक व्यवहार मानते हुए जुर्माना लगाने का फैसला किया।

 

CCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप पर लगाया 213 करोड़ का जुर्माना, जानें इसकी वजह

कई सालों तक लगाई रोक

कमीशन ने आदेश दिया है कि- व्हॉट्सएप अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्रित किए गए यूजर डेटा को मेटा की अन्य कंपनियों या मेटा के किसी उत्पाद के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा नहीं करेगा। यह प्रतिबंध 5 वर्षों तक लागू रहेगा। इसके अलावा, यदि व्हॉट्सएप भविष्य में किसी अन्य उद्देश्य के लिए यूजर डेटा साझा करता है, तो उसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा किए गए डेटा के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करनी होगी। इसमें यह स्पष्ट करना होगा कि डेटा को किस उद्देश्य से साझा किया गया है, और प्रत्येक डेटा साझेदारी के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से बताना होगा।

सरकार की ओर से व्हाट्सएप पर जुर्माना

आपको बता दें कि कमीशन ने एक आदेश जारी किया था जिसमें व्हॉट्सएप को आगामी 5 वर्षों के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्रित किए गए यूजर डेटा को मेटा की अन्य कंपनियों या मेटा के उत्पादों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से रोका गया है। वहीं भविष्य में यदि मेटा इस डेटा को कहीं और साझा करने का निर्णय लेता है, तो उपभोक्ताओं को पूरी जानकारी दी जाएगी कि-उनका डेटा कहां साझा किया जा रहा है और उनकी अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उपभोक्ताओं के सामने कोई भी अन्य शर्त नहीं रखी जाएगी, और उन्हें यह विकल्प मिलेगा कि वे कंपनी की पॉलिसी को स्वीकार करें या न करें। किसी भी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए उपभोक्ताओं को जबरदस्ती बाध्य नहीं किया जा सकेगा, और भविष्य में किसी भी पॉलिसी अपडेट में भी यह शर्त लागू नहीं की जा सकेगी।

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