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2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी

2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। 11 जुलाई 2006 के 12 आरोपी को सबूतों के आभाव में बरी करने का आदेश दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला करीब 19 साल बाद आया।

 

2015 में निचली अदालत ने 12 आरोपी को सजा सुनाई थी, जिसमें 5 को मौत की सजा और 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उनमें से एक की मौत अपील प्रकिया के दौरान हो गई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 आरोपी को सबूतों के अभाव में सजा से बरी किया है। कोर्ट का यह फैसला उस दर्दनाक हादसे के करीब दो दशक बाद आया, जब मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार धमाकों ने सैकड़ों जिंदगियां ले लीं थी ।

 

मुंबई में 11 जुलाई 2006 को शाम के वक्त, यात्रियों से खचाखच भरी लोकल ट्रेनें थीं, सात जगहों पर RDX बम धमाके हुए। धमाकों में करीब 189 लोगों की जान चली गई थी और करीब 827 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए थे।

 

मुंबई लोकल ट्रेन में धमाके खार-सांताक्रूज़, बांद्रा-खार, जोगेश्वरी, माहिम, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम और बोरीवली में हुए थे। RDX बम धमाके करीब 11 मिनट के अंदर शहर को दहला दिया।

 

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में पहले सात अलग-अलग FIR दर्ज की गईं, लेकिन बाद में मामले को ATS को सौंप दिया गया। जिसमें कड़ी धाराओं में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपी नाशिक, येरवडा और नागपुर की जेलों में बंद हैं। इनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई।

 

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष के लगभग सभी गवाहों के बयानों को अविश्वसनीय करार दिया। कोर्ट का कहना था कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि धमाकों में किस तरह के बम का इस्तेमाल हुआ था। इसलिए ये बरामद सबूत मामले से जुड़े नहीं माने गए।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

 

 

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