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बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

बिहार में BJP की मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद

भारतीय जनता पार्टी (BJP) यानी बीजेपी का सफर देश की राजनीति में बेहद दिलचस्प रहा है। वहीं पार्टी ने 6 अप्रैल 2025 को अपने 45 साल पूरे कर लिए है। बता दें कि 6 अप्रैल 1980 में बीजेपी अस्तित्व में आई और बीजेपी को अपनी ही राजनीति में कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले। इसके अलावा आज बीजेपी भारतीय राजनीति (Indian politics) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। साथ ही देश की सबसे बड़ी राजनीतिक (Politics) ताकत बन चुकी है।

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

भारतीय राजनीति में बीजेपी की सफलता

बीजेपी (BJP) ने पिछले 11 सालों में लगातार तीन बार लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया और केंद्र में अपनी सत्ता बनाई। जानकारों का कहना है कि बीजेपी कुछ समय पहले दो नेताओं की पार्टी कहलाती थी, लेकिन अब यही पार्टी भारतीय राजनीति (Indian politics) का बड़ा नाम बन चुकी है। करीब 15 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार चला रही है, इसके अलावा NDA गठबंधन के साथ चार राज्यों में सत्ता में है। माना जा रहा है कि इस पार्टी में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जैसे नेताओं ने तीन -तीन बार प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद की शपथ भी ली है।

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

बिहार में मुख्यमंत्री बनने की चाहत अधूरी

जानकारी के मुताबिक- बिहार एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी ने अपनी मुख्यमंत्री नहीं बनाया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बिहार (Bihar) में भाजपा अपना सीएम बना पाएगी । माना जा रहा है कि यह पार्टी के लिए एक अधूरी चाहत बन चुकी है, जो पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के मन में टीस की तरह बनी हुई है। बिहार की राजनीति में भाजपा ने कई कोशिश की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।


बिहार में बीजेपी की भूमिका

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

बिहार (Bihar) की राजनीति में 1990 में जब बीजेपी के समर्थन से लालू यादव (Lalu Yadav) ने सत्ता संभाली थी, तो बीजेपी को मुख्यमंत्री बनने का अवसर नहीं मिला। 2000 में जब बीजेपी ने अधिक सीटें जीतीं, तब भी पार्टी ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को मुख्यमंत्री बना दिया। यह बीजेपी के नेतृत्व और महत्वाकांक्षाओं से मेल नहीं खाता था, लेकिन गठबंधन की राजनीति के चलते यह फैसला लिया गया।

 

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बिहार में बीजेपी के जननेता की कमी

बिहार की राजनीति (Bihar politics) में गठबंधन और नेतओं के आपसी तालमेल की अहम भूमिका है, लेकिन बीजेपी (BJP) अपने दम पर मुख्यमंत्री (CM) नहीं बना पाई। जानकारों का कहना है कि- इसे कई तरीकों से समझाते हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह यह है कि बिहार में बीजेपी के पास कोई ऐसा जननेता नहीं है, जो जनता के बीच पहचान बना सके।

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

बीजेपी को मजबूत नेता की जरूरी

बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) को ऐसा नेता चाहिए, जो तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) जैसे बड़े चेहरों का मुकाबला कर सके। जैसे कि यूपी में योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath), महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और असम में हेमंता बिस्वा जैसे नेताओं ने अपनी पार्टी को एक मजबूत नेतृत्व दिया है। बता दें कि अभी तक ऐसा चेहरा नहीं मिला है, जो तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं के सामने खड़ा हो सके। भाजपा को बिहार की राजनीति (Bihar politics) में एक मजबूत नेता की आवश्यकता है।

बिहार में BJP की यात्रा अधूरी, मुख्यमंत्री बनने की चाहत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भारतीय राजनीति में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। वहीं हालांकि, बिहार (Bihar) में मुख्यमंत्री बनने का सपना अब भी अधूरा है। पार्टी (BJP) को अब एक ऐसा नेता चाहिए, जो बिहार की राजनीति (Bihar politics) में अपना दबदबा बना सके। बिहार की राजनीति में बीजेपी की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह वहां एक मजबूत और लोकप्रिय जननेता खड़ा कर पाती है या नहीं। ये तो अब बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) में ही देखने को मिलेगा।

 

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