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Basant Panchami 2025: तिथि, समय और पूजा विधि

Basant Panchami 2025: तिथि, समय और पूजा विधि

Basant Panchami 2025 सर्दियों की ठिठुरन कम होते ही, जब खेतों में सरसों के पीले फूल खिलने लगते हैं और हल्की गर्मी का एहसास होता है, तो यही वसंत ऋतु के आगमन का संकेत देता है। इसी खुशनुमा मौसम का स्वागत करने के लिए और ज्ञान, संगीत, और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। भक्त देवी सरस्वती की प्रार्थना करते हैं और व्रत रखते हैं। यह पर्व केवल ऋतु बदलने का प्रतीक नहीं है, बल्कि जीवन में नई शुरुआत, सकारात्मकता और रचनात्मकता का उत्सव भी है। यह हिंदू चंद्र माह माघ के दौरान शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी तिथि) को होता है। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। चलिए, इस त्योहार के हर पहलू को करीब से समझते हैं।

 

Basant Panchami 2025: Date and Time

 

वर्ष 2025 में पंचमी तिथि का आरंभ 2 फरवरी को प्रातः 9:14 बजे होगा और इसका समापन 3 फरवरी को प्रातः 6:52 बजे होगा। इसीलिए वसंत पंचमी का उत्सव 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।

 

 

Basant Panchami 2025: तिथि, समय और पूजा विधि

 

 

Shubh Muhurat:


सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 फरवरी को सुबह 7:06 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक रहेगा।

 

Basant Panchami 2025: क्यों मनाई जाती है

 

बसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित है, जिन्हें ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, तो उन्होंने मां सरस्वती को वाणी, संगीत, और ज्ञान का आशीर्वाद दिया। तभी से यह दिन देवी सरस्वती के लिए जाना जाता है। यह दिन खासतौर पर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो शिक्षा, कला या संगीत के क्षेत्र से जुड़े हैं। बच्चे इसी दिन से पढ़ाई की शुरुआत करते हैं, जिसे 'विद्या आरंभ' कहा जाता है।

 

 

Basant Panchami 2025: तिथि, समय और पूजा विधि

 

 

Basant Panchami 2025: Rituals

 

वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान कर पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इस दिन घरों, मंदिरों और स्कूलों में मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के दौरान मां सरस्वती की तस्वीर या चित्र के सामने दीप जलाकर फूल, अक्षत (चावल), हल्दी और पीले मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। पीले रंग को शुभ माना जाता है, इसीलिए इस दिन पीले रंग के भोजन, जैसे खिचड़ी, मीठे चावल या बेसन के लड्डू बनाए जाते हैं। विद्यार्थी अपनी किताबों और कलम को मां सरस्वती के चरणों में रखकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। छोटे बच्चों के लिए इस दिन 'विद्यारंभ' संस्कार किया जाता है, जिसमें उन्हें पहली बार अक्षर लिखना सिखाया जाता है। कुछ स्थानों पर इस दिन पतंगबाजी और संगीत-संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

 


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Basant Panchami 2025: सरस्वती आराधना मंत्र

 

1. ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।।
2. सरस्वति मया दृष्ट्वा, वीणापुस्तकधारिणी।
हंसवाहनसंयुक्ता, विद्यादानं करोतु मे।।

वसंत पंचमी पर इन मंत्रों का जाप करने से माँ सरस्वती का आशीर्वाद सदैव भक्तों पर बना रहता है।

 

 

Basant Panchami 2025: तिथि, समय और पूजा विधि

 

 

Basant Panchami 2025: पूजा विधि

 

सुबह उठते ही, पूजा के लिए पूजा स्थान पर एक चौकी रखें।
चौकी को साफ कर, उस पर पीला कपड़ा बिछाएं।
सरस्वती मां की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
देवी को पीले रंग के वस्त्र, फूल, रोली, हल्दी, केसर और मिठाइयों का भोग लगाएं और दीप जलाएं।
मां सरस्वती मंत्र का जाप करें और आरती कर प्रसाद वितरित करें।

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