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Rakshabandhan 2025:  सिर्फ राखी नहीं प्यार और सुरक्षा का बंधन

Rakshabandhan 2025: सिर्फ राखी नहीं प्यार और सुरक्षा का बंधन

रक्षा बंधन भारत का एक बेहद खास और प्यारा त्यौहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत और खास बनाता है। यह त्यौहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। इस बार 2025 में रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का मतलब है "रक्षा का बंधन"। इस दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर एक पवित्र धागा (राखी) बांधती है, और बदले में भाई अपनी बहन से वादा करता है कि वह उसकी हमेशा रक्षा करेगा और उसके लिए हर मुश्किल में खड़ा रहेगा, और साथ ही भाई अपनी बहन के लिए ढेर सारे उपहार लाता है आशीर्वाद के रूप में।

 

Rakhi is on which date: 9 August 2025, Saturday 

 

 

 

 

Rakshabandhan 2025:  सिर्फ राखी नहीं प्यार और सुरक्षा का बंधन

 

 

यह त्यौहार सिर्फ एक धागा बांधने का नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते के गहरे प्यार, विश्वास और एक-दूसरे की देखभाल को दर्शाता है। रक्षाबंधन में बस भाई-बहन का प्यार नहीं, बल्कि परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर इस दिन को खुशी से मनाते हैं।

 

 

Festival of Rakshabadnhan history:

 


Rakhi रक्षाबंधन का त्यौहार बहुत पहले से मनाया जाता है, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और ऐतिहासिक कहानियां जुड़ी हैं।

 

 

1. इन्द्राणी और इंद्रा की कहानी:

 


देवताओ और असुरों के बीच भयंकर युद्ध हो रहा था। देवताओं के राजा इंद्र इस युद्ध में हारने की कगार पर थे। राजा इंद्र की पत्नी इन्द्राणी ने भगवान विष्णु से एक पवित्र धागा (रक्षा सूत्र) लिया और वह धागा इंद्र की कलाई पर बंधा। इस पवित्र धागे ने इंद्रा को ताकत दी और उन्होंने असुरों को हराकर विजय प्राप्त की। इस कहानी के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि रक्षाबंधन का धागा केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

 

 

 

2. श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कहानी:

 

 

 

Rakshabandhan 2025:  सिर्फ राखी नहीं प्यार और सुरक्षा का बंधन

 

 

एक बार शिशुपाल का वध करते समय श्रीकृष्ण की उंगली कट गई और खून बहने लगा। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और उनकी उंगली पर बांध दिया। इस प्रेम और देखभाल से भावुक होकर श्रीकृष्ण ने वचन दिया कि जब भी द्रौपदी संकट में होंगी, वह उनकी रक्षा करेंगे। यही वचन उन्होंने चीरहरण के समय निभाया, जब उन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई। यही कथा इस बात का उदाहरण है कि रक्षाबंधन केवल रक्षा का बंधन नहीं है, बल्कि यह प्रेम और विश्वास का अटूट रिश्ता भी है।

 

 

 

3. रानी कर्णावती और हुमायूं की कहानी:


16वीं सदी में मेवाड़ की रानी कर्णावती को गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपने राज्य की रक्षा करानी थी। रानी ने हुमायूं को राखी भेजकर मदद मांगी। हुमायूं ने इस राखी को भाई का सम्मान मानते हुए तुरंत अपनी सेना के साथ मेवाड़ की रक्षा के लिए निकल पड़े। हालांकि वह समय पर नहीं पहुँच सके, लेकिन इस घटना ने राखी के रिश्ते की पवित्रता और महत्व को हमेशा के लिए अमर कर दिया।

 

 

 

Rakshabandhan का महत्व:

 

1. भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाना:


रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। इस दिन भाई और बहन एक-दूसरे के लिए प्यार और देखभाल का इजहार करते हैं। बहन अपने भाई को राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, और भाई अपनी बहन को वचन देता है कि वह हमेशा उसकी रक्षा करेगा। यह एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी और प्यार को दर्शाता है।

 

 

 

 

 

Rakshabandhan 2025:  सिर्फ राखी नहीं प्यार और सुरक्षा का बंधन

 

 

2. परंपरा को जीवित रखना ( Rakshabandhan 2025):


रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह त्यौहार हमें हमारी परंपराओं से जुड़ने का मौका देता है और यह हमें भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत को समझने में मदद करता है। इसके माध्यम से हम अपने पुराने रिश्तों और परंपराओं को बनाए रखते हैं। और ऐसे ही अपने धर्म के सभी त्योहारों को खुशी और उल्लास से मनाते हैं।

 

 

 
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3. समाज में भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत:


रक्षाबंधन हमें यह सिखाता है कि रिश्ते केवल खून के रिश्ते तक सीमित नहीं होते, बल्कि सच्चे रिश्ते वे होते हैं जो प्यार, विश्वास और एक-दूसरे की सुरक्षा पर आधारित होते हैं। यह (Rakhi) त्यौहार हमें रिश्तों में विश्वास और देखभाल की अहमियत समझाता है।

 

 

2025 Rakshabandhan Importance:

 


9 अगस्त को पूर्णिमा: इस दिन चंद्रमा की रोशनी से पूरा वातावरण पवित्र होगा, जो इस त्यौहार को और खास बना देगा।

 


Rakshabandhan holiday शनिवार का दिन: यह दिन परिवार के साथ समय बिताने और त्यौहार का आनंद लेने के लिए उपयुक्त होगा।

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