
Axiom‑4 लॉन्च: PM मोदी ने शुभांशु शुक्ला को विशेष संदेश दिया
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Priyanka
- June 25, 2025
मोदी ने Axiom-4 Launch के बाद शुभांशु शुक्ला के लिए भेजा ये स्पेशल मैसेज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने Axiom-4 मिशन के लॉन्च के तुरंत बाद अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं, साथ ही खास रूप से शुभांशु का जिक्र करते हुए कहा कि वह “1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं”
मिशन की मुख्य झलकियाँ
शुभांशु शुक्ला (IAF ग्रुप कैप्टन, 39) हैं पहले भारतीय जो ISS पर पैकेज्ड मिशन के तहत जा रहे हैं—विश्व के सबसे पुराने मानव अंतरिक्ष स्टेशन, जो नासा, ISRO और SpaceX के बीच कॉमन्वेल्थ को दर्शाता है । मिशन 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे IST, कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से लॉन्च हुआ। इसमें शुभांशु के साथ अमेरिकी, हंगरी और पोलैंड के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. ISS डॉकोंग की संभावना 26 जून 2025 को शाम करीब 4:30 बजे IST थी, जिसके बाद ये चार अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिनों तक वैज्ञानिक अनुसंधान, शैक्षिक आउटरीच और व्यावसायिक प्रयोग करेंगे।
पीएम मोदी का विशेष संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा: “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस मिशन के सफल लॉन्च का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर गए हैं। उनके साथ सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएँ!”
मुद्दे की बात यह है कि अब भारत न सिर्फ ISS पर उपस्थित होगा, बल्कि मिशन सफल होने पर भविष्य के मानवयुक्त मिशनों के लिए मजबूत आधार तैयार करेगा।
We welcome the successful launch of the Space Mission carrying astronauts from India, Hungary, Poland and the US.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
The Indian Astronaut, Group Captain Shubhanshu Shukla is on the way to become the first Indian to go to International Space Station. He carries with him the wishes,…
शुभांशु का अपना संदेश
शुभांशु ने अधिकांश भाषण “मेरे कंधे पर तिरंगा है” कहकर शुरू किया, और कहा: “मैं 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदें लेकर जा रहा हूँ… मैं अपने साथ सात भारतीय-डिज़ाइन किया हुआ प्रयोग ले जा रहा हूँ”. उन्होंने बताया कि ये प्रयोग मृणालता, तणुशक्ति, कॉग्निटिव प्रदर्शन, सूक्ष्मजीव विज्ञान, और कृषि जैसे क्षेत्रों के इर्द‑गिर्द हैं, जो भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता को प्रदर्शित करेंगे ।
वैज्ञानिक और रणनीतिक महत्व
- समन्वित सहयोग: ISRO‑NASA‑SpaceX का यह मिशन भारत के वाणिज्यिक और मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा में भागीदारी को नई दिशा देता है.
- गगनयान प्री-करसर: Axiom‑4 से प्राप्त अनुभव Gaganyaan मिशन (2027) और भारत की संभावित लूनर यात्रा (2040) के लिए अपरिहार्य साबित होंगे।
- भारतीय प्रयोगों का महत्व: मृदुजीवों, मांसपेशी विकास, कृषि बीजों पर गुरुत्वहीनता केंद्रित प्रयोग, मायोजेनेसिस, माइक्रोग्रैविटी डिस्प्ले इंटरैक्शन जैसे विषयों पर शोध।
मिशन की समयरेखा और चुनौतियाँ
यह मिशन कई बार स्थगित हुआ है—29 मई से शुरुआत, फिर 8, 10 और 11 जून तक टला, खराब मौसम और तकनीकी कारणों को देखते हुए । मिशन के स्थगन से स्पष्ट है कि SpaceX‑NASA‑ISRO के पास सुरक्षा सर्वोपरि है ।
Axiom‑4 सिर्फ एक मिशन नहीं, ये भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मानवीय मिशनों की वापसी का प्रतीक है। प्रधानमंत्री का खास संदेश, शुभांशु की भूमिका और वैज्ञानिक प्रयोग भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves
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