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Ashta Laxmi Mahotsav : पूर्वोत्तर राज्यों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की बड़ी पहल, पहली बार आयोजित किया जा रहा अष्टलक्ष्मी महोत्सव

Ashta Laxmi Mahotsav : पूर्वोत्तर राज्यों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की बड़ी पहल, पहली बार आयोजित किया जा रहा अष्टलक्ष्मी महोत्सव

Ashta Laxmi Mahotsav : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में आज से 3 दिन तक चलने वाले अष्टलक्ष्मी महोत्सव (Ashta Laxmi Mahotsav) का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने यहां पूर्वोत्तर राज्यों (North-East States) की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। साथ ही महोत्सव को संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि दिल्ली आज पूर्वोत्तरमय हो गई है। पूर्वोत्तर के विविध रंग राष्ट्रीय राजधानी में एक सुंदर इंद्रधनुष बना रहे हैं। बता दें दिल्ली में पहली बार इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।

 

पीएम मोदी बोले- 2 सदियों में पश्चिम का उभार देखा, 21वीं सदी पूर्व की, एशिया की, भारत की

पीएम मोदी ने कहा कि बीते 100-200 साल में हमने पश्चिम (Western Countries) की दुनिया का एक उभार देखा। आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक, हर स्तर पर दुनिया में पश्चिमी क्षेत्र की छाप रही। भारत में भी पश्चिमी क्षेत्र ने देश की विकास यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई है। लेकिन अब कहा जाता है कि 21वीं सदी पूर्व की है, एशिया की है और भारत की है। ऐसे में मुझे विश्वास है कि भारत में भी आने वाला समय पूर्वी भारत का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशकों में हमने बंगलुरू, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई जैसे बड़े शहरों को उभरते देखा है। आने वाले दशकों में हम अगरतला, गुवाहाटी, गंगटोक, आइजोल, शिलांग, ईटानगर, कोहिमा जैसे शहरों का नया सामर्थ्य देखेंगे। इसमें अष्टलक्ष्मी जैसे आयोजन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुर उपलब्धता पर बोले- यह धनलक्ष्मी पूर्वोत्तर के लिए वरदान

पीएम मोदी ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव को लेकर कहा कि यह महोत्सव विकसित भारत (Viksit Bharat) के मिशन को गति देने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम पूर्वोत्तर के आठों राज्यों में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं। पूर्वोत्तर भारत में प्राकृतिक संसाधन (Natural Resourses) जैसे खनिज, तेल और जैव विविधता (Bio-Diversity in North Eastern States) का अद्भुत संगम है। ऐसे में यहां अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) की अपार संभावनाएं हैं। यह धनलक्ष्मी पूर्वोत्तर के लिए वरदान है। हमारा पूर्वोत्तर प्राकृतिक खेती (Natural Farming) और बाजरे के लिए प्रसिद्ध है। हमें गर्व है कि सिक्किम जैविक खेती (Organic Farming in Sikkim) करने वाला देश का पहला राज्य है।

 

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पूर्वोत्तर राज्यों को विकास से वंचित रखने पर बोला हमला

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के साथ किए गए भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक हम सभी ने देखा कि विकास को कैसे वोटों की संख्या से तोला गया। पूर्वोत्तर के पास वोट कम थे, सीटें कम थीं, इसलिए पहले की सरकारों ने वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया। बीते दशक में हमने प्रयास किया कि दिल्ली और दिल, इससे दूरी का जो भाव है, वो कम होना चाहिए।

 

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पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के बारे में लोगों को बताना है उद्देश्य

अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत के बारे में लोगों को बताना है। इसमें पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक परंपराओं की एक श्रृंखला को एक साथ लाया जाएगा। इस प्रदर्शनी में पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, कृषि उत्पाद और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने का कांसेप्ट रखा गया है। महोत्सव के दौरान कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे, जिनमें पूर्वोत्तर के राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचे के विकास और इसके प्रभाव के महत्व पर भी जोर देगा। इसके साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और परिवहन, ऊर्जा और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में विकास को दर्शाया जाएगा। इससे व्यवसाय और रोजगार के लिए नए अवसर खुलेंगे।

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