
रामचरितमानस के पाठ से क्या लाभ होते हैं?
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Geetika
- March 8, 2025
सनातन धर्म में कई महान ग्रंथों का वर्णन मिलता है। यह ग्रंथ न सिर्फ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हैं, बल्कि व्यक्ति को उसके जीवन की समस्या का हल भी बताते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन ग्रंथ है रामचरितमानस इसमें 12 ,800 पंक्तिया हैं जो 1,073 दोहों और सात काण्ड में विभाजित है गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस गेय शैली में है रामचरितमानस को अवधि भाषा में लिखा गया है ,इस ग्रंथ को तुलसीकृत रामयण भी कहा जाता है,रामचरितमानस में सात काण्ड है ,रामचरितमानस का पाठ करने से घर में दिव्यता का वास होता है
रामचरितमानस के पाठ से लाभ
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि रामचरितमानस का पाठ करने से क्या फल मिलता है। अगर आप रामचरितमानस का पाठ रोजाना घर में करते हैं, तो इसे करने से आपको अद्भुत लाभ देखने को मिलेंगे। जो व्यक्ति इसका पाठ करता है, उसके जीवन की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं। रामचरितमानस का रोजाना पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में बहुत से बदलाव आने लगते हैं। इसका पाठ करने से घर की दरिद्रता दूर होती है और घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
यह भी पढ़ें- हनुमान चालीसा का पाठ करने से क्या फल मिलता है?
- अगर आप रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करते हैं, तो इससे आपको श्री राम और माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से भगवान श्री हनुमान जी स्वयं उसे घर के लोगों की विपत्ति को दूर करते हैं।
3. रामचरितमानस का पाठ करने से घर में नकारात्मकता खत्म होती है।
4. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से मानसिक शांति और सुख व्यक्ति को मिलता है।
5. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से व्यक्ति आध्यात्मिक की ओर बढ़ता है और उसे जीवन में सफलता की सही दिशा प्राप्त होती है
रामचरितमानस का अर्थ क्या है?
1. अगर आप रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करते हैं, तो इससे आपको श्री राम और माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से भगवान श्री हनुमान जी स्वयं उसे घर के लोगों की विपत्ति को दूर करते हैं।
3. रामचरितमानस का पाठ करने से घर में नकारात्मकता खत्म होती है।
4. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से मानसिक शांति और सुख व्यक्ति को मिलता है।
5. रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से व्यक्ति आध्यात्मिक की ओर बढ़ता है और उसे जीवन में सफलता की सही दिशा प्राप्त होती है।
रामचरितमानस का शाब्दिक अर्थ है— राम के कर्मों की झील कहा गया है इसे हिंदू साहित्य की सबसे बड़ी कृतियों में से एक माना जाता है ऐसा कहा जाता है की भगवान शिव के मन पर राम का चरित्र निवास करता है। इसलिए इस ग्रंथ को राम चरित्र मानस कहा जाता है।
कैसे पढ़ना चाहिए रामचरितमानस को?
किसी न किसी ग्रंथ को पढ़ने के अलग-अलग तरीके होते हैं। इस प्रकार, जब रामचरितमानस का पाठ शुरू करें, तो सर्वप्रथम भगवान श्री हनुमान जी का हवन करें। उसके बाद विघ्नहर्ता गणेश जी का वहां करके रामचरितमानस का पाठ शुरू करें। जहां तक हो सके रामचरितमानस का पाठ करें और इसके बाद आरती करें। शुद्ध तन और मन से प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ करें। ऐसा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों और दुखों से मुक्त हो जाता है।
रामचरितमानस का घर पर पाठ करते समय ध्यान रखने वाली बातें
रामचरितमानस भगवान राम और रावण के जीवन की कहानी है। इस ग्रंथ ने व्यक्ति को निरंतर आगे बढ़ते हुए विजय प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। इस पवित्र ग्रंथ की सभी चौपाई हमें हमारे जीवन के कष्ट से मुक्ति दिलाती हैं।
रामचरितमानस का नियमित रूप से पाठ करने के क्या नियम हैं?
बहुत से घरों में नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। इसे पढ़ते समय कुछ नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इसका सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। इसका पाठ करते समय व्यक्ति को जिन नियमों का पालन करना चाहिए, वे कुछ इस प्रकार हैं:
रामचरितमानस का पाठ करने से पहले एक माला लीजिए। लाल रंग का आसान बिछाइए उस पर भगवान राम की मूर्ति रखें। पाठ शुरू करने से पहले हनुमान जी का आवाहन करें उन्हें राम कथा में आमंत्रित करें ऐसा माना जाता है। भगवान राम की पूजा करने से पहले भगवान श्री हनुमान जी का आह्वाहन करना जरूरी है। ऐसा करने से आपको अपनी पूजा का सकारात्मक फल मिलेगा भगवान श्री हनुमान जी का आह्वाहन करने के बाद भगवान गणपति का आह्वाहन करें।
पाठ करते समय देवताओं की मूर्ति साथ रखें।
रामचरितमानस का पाठ शुरू करने से पहले सभी देवताओं की मूर्तियों को पूर्व की ओर मुख वाले एक मंच पर स्थापित करें। तुलसी के पत्ते पूजा स्थल पर रखें। भगवान राम, देवी सीता, भगवान हनुमान, भगवान गणेश, देवी पार्वती की मूर्ति भी स्थापित करें। भगवान राम की मूर्ति के सामने जल का कलश और चावल का ढेर रखें।
कलश स्थापना करें।
अगर आप अखंड रामचरितमानस का पाठ कर रहे हैं, तो उसके लिए कलश के मुख में पांच आम या पान के पत्ते रखकर नारियल रखें इस पर मौली का धागा बांधें। कुमकुम से कलश पर स्वास्तिक और एक तरफ सुपारी, लौंग, इलायची और मिश्री का प्रसाद रखें।रामचरितमानस के पाठ के अंत में भक्ति के साथ आरती करनी चाहिए और आरती के बाद हवन करना अनिवार्य है। रामचरितमानस का पाठ तभी सफल माना जाता है, जब आप आरती करके हवन करें। पूजा पूरी होने के बाद ब्राह्मणों को भोग दें और बाकी प्रसाद भक्तों को दीजिए।
यदि आपके घर में रामचरितमानस का पाठ किया किया जाता है, तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आप तामसिक आहार से दूर रहें। घर का वातावरण शुद्ध बनाएं रखें पाठ करने वाली स्त्री का कभी भी अपमान न करें। इस पाठ से जुड़े नियमों का पालन करने से व्यक्ति आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होतीं है।
ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहें theindiamoves
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