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RG Kar Rape Case: संजय रॉय को उम्रकैद, 50 हजार का जुर्माना

RG Kar Rape Case: संजय रॉय को उम्रकैद, 50 हजार का जुर्माना

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय कोर्ट ने सजा सुना दी है। कोलकाता की एक विशेष अदालत ने संजय रॉय को उमक्रैद की सजा सुनाई है। कोर्ट से दोषी संजय रॉय पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने मृतका के परिजनों को 17 लाख का मुआवजा देना का भी फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस केस को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट नहीं माना। कोर्ट में पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि हमें कोई मुआवजा नहीं चाहिए। सीबीआई के वकील ने एक बार फिर फांसी की सजा की मांग की। सीबीआई ने कहा कि इस कांड से पूरा देश हिल गया था। सजा से समाज में विश्वास आएगा। दोषी को फांसी की सजा मिले, इससे समाज का विश्वास बहाल करना होगा। माता-पिता ने अपनी बच्ची को खो दिया। छात्रा समाज के लिए काफी अहम थी।


इन धाराओं के तहत सुनाया गया फैसला

संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (दुष्कर्म), 66 (दुष्कर्म के बाद मौत) व 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है। मामले में एकमात्र मुख्य आरोपित रहे संजय को वारदात के 162 दिनों बाद व सियालदह कोर्ट में 59 दिनों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद दोषी करार दिया गया। सीबीआई मामले की जांच कर रही थी।


18 कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया

न्यायाधीश ने 18 जनवरी को पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में अधिकतम सजा 'मृत्युदंड', जबकि कम से कम सजा आजीवन कारावास हो सकती है। हालांकि, बलात्कार और हत्या के अपराध के मामले में रॉय के खिलाफ सजा की प्रक्रिया सोमवार को पूरा कर लिया गया।  

 

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RG Kar Rape Case: संजय रॉय को उम्रकैद, 50 हजार का जुर्माना

 


आदेश को नहीं देंगे चुनौती: संजय की बहन

अपना नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध करते हुए संजय की बड़ी बहन ने कहा कि आदेश को किसी भी अदालत में चुनौती देने की परिवार की कोई योजना नहीं है। संवाददाताओं ने पूछा कि उसे क्या लगता है कि उसका भाई वास्तव में दोषी है, तो उसने कहा-'कृपया मुझे अकेला छोड़ दें। हम टूट चुके हैं।

 

पिछले साल 9 अगस्त को मिला था शव

बता दें कि ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव पिछले साल 9 अगस्त को सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। मामले की शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने की थी, जिसने रॉय को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सीबीआई ने अपराध की तारीख के पांच दिन बाद जांच शुरू की और उसके बाद रॉय को शहर की पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सौंप दिया।


11 नवंबर को शुरु हुई थी सुनवाई

इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया पिछले साल 11 नवंबर को शुरू हुई थी। मामले में मुकदमा शुरू होने के 59 दिन बाद फैसला सुनाया जाएगा। अपराध की तारीख से 162 दिनों के बाद दोषसिद्धि की प्रक्रिया पूरी हुई। अब, सजा अपराध की तारीख से ठीक 164 दिन बाद सोमवार को सुनाई जाएगी।

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