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RSS Foundation Day :  RSS की स्थापना के 99 वर्ष पूर्ण, नागपुर में कार्यक्रम का आयोजन

RSS Foundation Day : RSS की स्थापना के 99 वर्ष पूर्ण, नागपुर में कार्यक्रम का आयोजन

RSS Foundation Day : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 99 वर्ष पूरे हो गए। इस संघ की स्थापना विजयादशमी (Vijayadashami) के अवसर पर 1925 में नागपुर में की गई। इस अवसर पर नागपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें संघ के प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने शस्त्र पूजा की। और साथ ही विजयादशमी उत्सव को संबोधित करते हुए हमास-इजरायल युद्ध (Hamas–Israel War) और बांग्लादेश (Bangladesh) के हालातों पर भी बात की। साथ ही मोहन भागवत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर (Kolkata's RG Kar Medical College Rape and Murder Case) पर कहा कि यह समाज की सबसे शर्मनाक घटना है। समाज को एक साथ संगठित रहने की आवश्यकता है।

विश्व का सबसे बड़ा संघ
यह विश्व का सबसे बड़ा संघ माना जाता है। जिसकी स्थापना नागपुर में वर्ष 1925 में की गई। यह संघ हिंदू समुदाय को एकजुट करने और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए चरित्र प्रशिक्षण प्रदान करता है। और हिंदू अनुशासन की भावना पैदा करना है। वहीं संघ के कार्यकर्ताओं ने परिश्रम, त्याग, बलिदान के आधार पर समाज में लगातार समर्थन से सर्वशक्तिमान श्रीपरमेश्वर के आशीर्वाद से सतत बढ़ रही है।


संघ का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्शों को बढ़ावा देना है। और बहुसंख्यक हिंदू समुदाय को मजबूत बनाने के लिए हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार करना है। वहीं दूसरी ओर RSS को भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों पर आधारित के रूप में वर्णित किया गया है।


RSS संघ के संस्थापक
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा के आधार पर 1925 में नागपुर में आरएसएस की स्थापना की। हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को हुआ। यह बचपन से ही क्रांतिकारी प्रवृति के थे। जिनको डॉक्टरजी के उपनाम से भी जाना जाता है, यह एक हिंदुत्व कार्यकर्ता, चिकित्सक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक थे। उसके बाद इन्होंने कांग्रेस और क्रांतिकारियों के प्रति सकारात्मक विचार रखा। जिसके कारण दिसम्बर 1930 में महात्मा गांधी द्वारा नमक कानून विरोधी आन्दोलन छेड़ा गया और उन्होंने संघ प्रमुख की जिम्मेदारी डॉ॰परापंजे को सौप कर आन्दोलन में भाग लिया। इनकी कांग्रेस और हिन्दू महासभा में भी भागीदारी रही।

 

 

-Edited by Renuka

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