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दो दिवसीय यात्रा के बाद पीएम मोदी भारत लौट, इस दौरान हुए कई अहम समझौते

दो दिवसीय यात्रा के बाद पीएम मोदी भारत लौट, इस दौरान हुए कई अहम समझौते

कुवैत की दो दिवसीय यात्रा के बाद पीएम मोदी भारत लौट आए हैं। इस यात्रा के दौरान कई अहम समझौते हुए हैं। भारत और कुवैत ने रविवार को अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया और रक्षा सहयोग के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इतना ही नहीं, दोनों देशों के नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने जल्द ही एक महत्वाकांक्षी निवेश संधि को अंतिम रूप देने का भी संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खाड़ी देश के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह और अन्य शीर्ष नेताओं के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।

 

अमीर के अलावा, पीएम मोदी ने कुवैती प्रधानमंत्री अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह और क्राउन प्रिंस सबा अल-खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबाह के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें समग्र द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

 

पीएम मोदी ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के अंत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "यह यात्रा ऐतिहासिक थी और इससे हमारे द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत होंगे।" एक विशेष इशारे में, कुवैत के प्रधानमंत्री मोदी को हवाई अड्डे पर विदा करने आए।

 

दोनों देशों को संयुक्त भी बयान जारी

संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने संबंधित अधिकारियों को द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत में तेजी लाने का निर्देश दिया। ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के लिए, दोनों पक्षों ने तेल और गैस की खोज और उत्पादन, शोधन और इंजीनियरिंग सेवाओं और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों का समर्थन करने की इच्छा व्यक्त की।

 

ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से, दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि वे तेल और गैस की खोज और उत्पादन, शोधन, इंजीनियरिंग सेवाओं और 'पेट्रोकेमिकल' उद्योगों में सहयोग बढ़ाने के लिए अपने-अपने देशों की कंपनियों को समर्थन प्रदान करेंगे।

 

दोनों देशों के बीच किन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए

रक्षा पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) सहित कुल चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अन्य समझौतों में खेल, संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि रक्षा पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) रक्षा उद्योग, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों की सेवाओं के आदान-प्रदान और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में तालमेल स्थापित करने से संबंधित क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेगा।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि रक्षा समझौता तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा और रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास और उत्पादन में सहयोग को बढ़ावा देगा।

 

पाकिस्तान पर साधा निशाना

बयान में कहा गया है कि वार्ता में दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की और आतंकवाद को वित्तपोषित करने वालों और सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने का आह्वान किया। दोनों पक्ष आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने, सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान करने पर भी सहमत हुए।

 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की।

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