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Jaipur Police : करणी विहार की घटना बता रही कानून व्यवस्था बनाए रखने में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट फेल

Jaipur Police : करणी विहार की घटना बता रही कानून व्यवस्था बनाए रखने में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट फेल

Jaipur Police : राजधानी जयपुर में एक के बाद एक घटनाएं हो रही हैं। अब जयपुर के करणी विहार थाना (Karni Vihar Thana) क्षेत्र के रजनी विहार स्थित एक शिव मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ कर रहे आरएसएस कार्यकर्ताओं (Knife Attack on RSS Workers) पर चाकूबाजी का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि यह क्षेत्र झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र (Jhotwara) में आता है, जहां से राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Minister Rajyavardhan Rathore) खुद विधायक हैं। यही नहीं, इसी विधानसभा क्षेत्र में राज्यवर्धन राठौड़ का अपना खुद का घर भी है, जहां वे अपने परिवार के साथ रहते हैं। ऐसे क्षेत्र में आरएसएस कार्यकर्ताओं पर इस तरह से हमला होना सीधे तौर पर पुलिस व्यवस्था पर सवाल है।

 

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के हाथ से निकली कानून व्यवस्था

वैसे यह पहली बार नहीं है जब राजधानी जयपुर (Jaipur) में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हुए हों। पिछले 6 महीने की ही बात करें तो राजधानी जयपुर में कई ऐसी वारदातें हो चुकी हैं, जो यही बयां करती हैं कि जयपुर की कानून व्यवस्था (Law and Order Situation in Jaipur) का अब तो भगवान ही धणी-धोरी है क्योंकि अब बात जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के हाथ से पूरी तरह निकल चुकी है। यही वजह है कि असामाजिक तत्वों में किसी तरह का खौफ नजर नहीं आता और वे धड़ल्ले से कानून को सरेआम चुनौती देते नजर आते हैं। ऐसी ही कुछ घटनाएं पिछले 6 महीने में जयपुर में हुई हैं।

 

जयपुर में पिछले 6 महीने में हुए बड़े मामले

17 अक्टूबर- करणी विहार में चाकूबाजी, संघ के 10 स्वयंसेवक घायल
5 अक्टूबर- पावटा में मोबाइल व्यापारी को पीट-पीटकर किया लहूलुहान
4 अक्टूबर- रामगंज इलाके में उपद्रवियों ने की तोड़फोड़, दो पक्षों में तनाव
16 अगस्त- जयपुर में स्कूटी सवार युवक की पीट-पीटकर हत्या, आक्रोशित भीड़ सड़क पर उतरी
9 अगस्त- नाहरगढ़ के जंगल में लापता हुए दो भाई, एक ही मौत, दूसरे की तलाश अब भी जारी
27 मई- जयपुर में दो थानों की पुलिस को बदमाशों ने 10 किलोमीटर दौड़ाया

 

अपराधियों के सामने लाचार और बेबस नजर आ रही पुलिस

इन घटनाओं को देखकर लगता है कि जयपुर की कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि अपराधियों की बजाय आमजन खौफ में जी रहे हैं। वहीं 27 मई को जयपुर में घटी घटना तो पुलिस की लाचारी को ही बयां करती है। यहां जब पुलिस ने संदिग्ध स्थिति लगने पर एक गाड़ी को रुकवाने की कोशिश की, तो गाड़ी चला रहे बदमाशों ने गाड़ी रोकने की बजाय पुलिस को ही दौड़ा दिया। ऐसे में 2 थानों की पुलिस इन बदमाशों को पकड़ने के लिए 10 किलोमीटर तक इनका पीछा ही करती रही। ये बताता है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ दूर-दूर तक भी नहीं है।

 

पुलिस अधिकारियों के तबादले कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर रही सरकार

वहीं कई बार पुलिस छोटे-मोटे मामलों में कार्रवाई करके भले ही अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश करती हो, लेकिन इसके बाद भी कानून व्यवस्था की समस्या जयपुर में लगातार बनी ही हुई है। मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों के तबादले कर देते हैं और प्रदेश में अपराधों में कमी आने का दावा भले ही करते हों, लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है, ये आम जनता बखूबी देख और जान रही है।

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