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क्रिप्टो फिशिंग स्कैम से चुराई जाती है डिजिटल कमाई

क्रिप्टो फिशिंग स्कैम से चुराई जाती है डिजिटल कमाई

 

 

साइबर अपराध के मामलों में बीते कुछ सालों में तेजी दर्ज की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी ठगी करने के लिए नए-नए हथकंडों को तलाश रहे हैं। ऐसे में क्रिप्टो फिशिंग स्कैम लोगों को डिजिटल तौर चूना लगाने का काम कर रहा है। क्रिप्टो फिशिंग स्कैम के जरिए धोखेबाज यूजर्स की संवेदनशील जानकारी का पता लगा रहे हैं। जालसाज चुराई गई जानकारी का इस्तेमाल डिजिटल पूंजी को चुराने के लिए करते हैं। 

 

क्रिप्टो में हुए ग्रोथ ने निवेश के लिए कई नए अवसरों के दरवाजे खोले हैं पर इसके साथ ही स्कैम्‍स या धोखाधड़ी के जोखिम में भी बढ़ोतरी हुई है. इस लिहाज से अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए, धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति को समझना और खुद की सुरक्षा के लिए कदम उठाना बेहद जरूरी है. क्रिप्टो के सुरक्षित प्रबंधन में आपकी मदद के लिए यहां कुछ प्रमुख रणनीतियों के बारे में बताया गया है:

 नकली वेबसाइट और स्कैम्स की पहचान

क्रिप्टो के मामले में सबसे आम और प्रचलित स्कैम नकली वेबसाइटों से जुड़ा है जो वैध क्रिप्टो एक्सचेंजों की नकल करते हैं.  इस झांसे का शिकार होने से बचने के लिए, हमेशा लॉग-इन करने से पहले वेबसाइट के पते (URL) की सावधानीपूर्वक जरूर जांच करें. डोमेन नाम में एक भी टाइपोग्राफिकल त्रुटि या बदला हुआ अक्षर आपको धोखाधड़ी वाली साइट पर ले जा सकता है. जिन एक्सचेंजों पर आप अक्सर जाते हैं, उनकी आधिकारिक वेबसाइट को बुकमार्क करना भी टाइपो के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.

क्रिप्टो फिशिंग स्कैम से चुराई जाती है डिजिटल कमाई

जालसाज लोगों की डिजिटल कमाई चुराने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। धोखेबाज फर्जी वेबसाइट बनाकर, फर्जी ईमेल, सोशल मीडिया, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और निवेश फर्म के जरिए यूजर्स की जानकारी हासिल करते हैं। जालसाज पीड़ितों को बढ़िया रिटर्न जैसे दावों में फंसाते हैं, इसके बाद वह लोगों की डिजिटल कमाई को ठग लेते हैं।

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