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Delhi :  अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला INDIA गठबंधन की बढ़ाएगा टेंशन ?

Delhi : अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला INDIA गठबंधन की बढ़ाएगा टेंशन ?

Delhi :   दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को अपने ही गढ़ दिल्ली में 12 साल बाद हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने चुनावी जीत दर्ज की। इसके बाद से माना जा रहा था कि आप पार्टी कमजोर पड़ गई है, और फिर से पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन पार्टी की तरफ से आए एक ताजा बयान से तो ऐसा ही लग रहा है कि आम आदमी पार्टी ने अपनी पिछली गलती से कोई सबक नहीं लिया है।

 

 

Delhi :  अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला INDIA गठबंधन की बढ़ाएगा टेंशन ?

AAP नहीं करेंगी गठबंधन
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया है, हाल ही में दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि- गोवा और गुजरात में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि यह फैसला INDIA गठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है क्योंकि इससे कांग्रेस के वोट बंट सकते हैं और बीजेपी को फायदा हो सकता है।


दिल्ली आम आदमी पार्टी का रहा गढ़
अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में करीब 12 साल तक एकछत्र राज किया। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने 2015 और 2020 के दिल्ली चुनाव में विपक्ष का सफाया कर इतिहास रचा था, जिसके बदौलत राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाई। दिल्ली के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो कई राज्यों में खाता खोलने में कामयाब रही। साथ ही एक दशक के बाद 2025 में दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बाहर हो गई है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की सियासी चाल नहीं बदली है। जानकारी के मुताबिक- दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद भी आम आदमी पार्टी ने एकला चलो की राह पर ही चलने का फैसला किया है। दिल्ली की पूर्व सीएम और AAP नेता आतिशी ने हाल ही में कहा कि- कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी कोई भी गठबंधन नहीं करेगी। गोवा और गुजरात में आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, साथ ही आतिशी ने कहा कि- हम अपने दम पर गोवा और गुजरात में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

 

 

Delhi :  अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला INDIA गठबंधन की बढ़ाएगा टेंशन ?

लोकसभा चुनाव 2024 के मायने
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही हैं। पंजाब छोड़कर दिल्ली, हरियाणा, गोवा, गुजरात और असम में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ी थी। वहीं लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और AAP का गठबंधन टूट गया था, पहले हरियाणा में उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़े, जिसका सियासी नुकसान हरियाणा में कांग्रेस को भुगतना पड़ा तो, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी को। राजनीतिक जानकारों क मानना है कि- अगर दोनों पार्टियां मिलकर लड़ी होती तो, बीजेपी दोनों ही जगह सत्ता पर काबिज न हुई होती।


गुजरात और गोवा का विधानसभा चुनाव
वहीं गुजरात और गोवा का विधानसभा चुनाव 2027 में होने है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने पहले के तरह ही अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। गुजरात के 2022 चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पांच सीटें जीती थी और उसका वोट शेयर 13 फीसदी पहुंच गया था तो, कांग्रेस को 27.28 फीसदी वोटों के साथ 17 सीटें से संतोष करना पड़ा था। वहीं आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने के चलते कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ था और बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की। इसी के साथ ऐसे ही गोवा के 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 2 सीटों के साथ 6.77 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही जबकि कांग्रेस ने 12 सीटों के साथ 23.46 फीसदी वोट पाने में सफल रही।

 

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क्या है जानकारों का कहना
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि- आम आदमी पार्टी अगर 2027 के गोवा और गुजरात विधानसभा चुनाव में भी अकेले चुनावी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के लिए सियासी टेंशन बढ़ना लाजमी है। बता दें कि गुजरात और गोवा ऐसे राज्य हैं, जहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है, लेकिन अब आम आदमी पार्टी के उतरने से मामला अलग हो गया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के एकला चलो की राह पर कायम रहने से इंडिया गठबंधन की चुनौती बढ़ जाएगी?

 

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