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हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है? जानें क्या है इतिहास

हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है? जानें क्या है इतिहास

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2025) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1949 से जुड़ी है जब संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। साल 1953 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप मनाने की शुरुआत की गई।


14 सितंबर हिंदी दिवस का इतिहास

1947 में जब देश आजाद हुआ था देश को एक ऐसी भाषा की जरूरत थी जो पूरे देश को एक सूत्र में बांध सके। हिंदी भाषा, जिसे एक विशाल जनसंख्या द्वारा बोला और समझा जाता था, इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार थी। वर्ष 1949 में 14 सितंबर को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देवनागिरी लिपि के साथ भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। यह सिर्फ भाषा की मान्यता नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को सम्मान देने वाला निर्णय था।

 

14 सितंबर को हिंदी के प्रखर समर्थक राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी होता है। जिनका मानना था कि हिंदी भाषा देश को एक सूत्र में बांध सकता है। हिंदी भाषा को भारत का आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार करने के फैसले ने हिंदी को देश की पहचान और प्रशासनिक कार्यों का केंद्र बिंदु बना दिया। देश के तत्कालिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और तब से 14 सितंबर भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने लगा। हिंदी दिवस हिंदी के विकास और उसके प्रयोग को बढ़ावा देने का एक अवसर है।

 

हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है ? 

हिंदी दिवस के दिन देशभर में जगह-जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, डिबेट, कविता पाठ, निबंध लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सरकारी कार्यालयों में एक सप्ताह तक चलने वाले राजभाषा सप्ताह या हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।

 

हिंदी दिवस का महत्व क्या है ?

हिंदी भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिंदी हमारी मातृभाषा होने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और पहचान का प्रतीक भी है। हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और एकता का आधार है। हिंदी आज दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और वर्तमान में इसे कई देशों में समझा और पढ़ाया जाता है। यह दिवस युवाओं को अपनी भाषा से जुड़े रहने और इसे आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

 

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