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US Election Results War :  अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का यूक्रेन-गाजा पर क्या होगा असर?

US Election Results War : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का यूक्रेन-गाजा पर क्या होगा असर?

US Election Results War : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर दुनियाभर की नज़र है, ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका का राष्ट्रपति पूरी दुनिया पर असर डालने की ताकत रखता है। वहीं अमेरिका में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। इस चुनाव में अमेरिकी वोटर कमला हैरिस (Kamala Harris) या डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) में से किसी एक को अपना नया राष्ट्रपति चुनने वाले हैं। यह स्पष्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम का असर पूरी दुनिया पर होगा। इस बीच इस बात पर कयासबाजी हो रही है कि यूक्रेन औऱ गाजा समेत वैश्विक संघर्षं पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव परिणाम का क्या असर होगा। अगर ट्रंप जीतते हैं तो वह अपनी विदेश नीति कैसे बनाएंगे और कमला हैरिस अमेरिका को कैसे चलाएंगी। ऐसी भी खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) को लेकर नाटो (NATO) और यूरोपीय देशों में कुछ चिंता और तनाव की स्थिति बन गई है। उन्हें लगता है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीतते हैं, तो नाटो और यूरोपीय देशों के लिए एक नई चुनौती सामने आ सकती है और यूरोपीय देशों पर रक्षा खर्च बढ़ाने का दबाव पड़ेगा। वहीं, कमला हैरिस उन्हें कुछ रियायत देंगी और अमेरिका इसका भार खुद उठाने को तैयार होगा।

 

ट्रंप की वापसी की आहट से नाटो बेचैन
वाशिंगटन का रक्षा व्यय (Defense expenditure) नाटो के 31 अन्य सदस्यों के सैन्य बजट का दो-तिहाई है। नाटो के अलावा, अमेरिका अपनी सेना पर चीन और रूस सहित अगले 10 देशों के संयुक्त व्यय से भी अधिक खर्च करता है। ट्रंप दावा करते हैं कि वे अन्य नाटो देशों को उनके व्यय लक्ष्य को पूरा करने के लिए मजबूर करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो कि उनके सकल घरेलू उत्पाद का 2% है। 2024 में केवल 23 सदस्य राष्ट्र इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाए हैं। लेकिन, ट्रंप के अनिश्चित बयान अभी भी परेशान करते हैं।

 

मध्य पूर्व में होगी शांति या बढ़ेगा संघर्ष
ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि "शांति की ओर लौटने और लोगों की हत्या बंद करने" का समय आ गया है। लेकिन उन्होंने कथित तौर पर इजरायली नेता बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि "जो करना है करो।" डोनाल्ड ट्रंप अपने रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में 2024 के चुनाव में "शांतिदूत" के रूप में खुद को पेश करते हैं। उन्होंने 2020 अब्राहम समझौते का विस्तार करने का वादा किया है। इन द्विपक्षीय समझौतों ने इजरायल और कुछ अरब राज्यों के बीच संबंधों को सामान्य बनाया, लेकिन व्यापक रूप से देखा गया कि इसने फिलिस्तीनियों को दरकिनार कर दिया।

 

क्या थम जाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध?
रूस और यूक्रेन के बीच करीब 32 महीनों से जंग जारी है। कीव की सेना ने रूस के कुर्स्क (Kursk) में घुसपैठ का साहस तो दिखा दिया लेकिन रूस के खिलाफ जंग में लंबे समय तक बने रहने के लिए उन्हें बहुत ज्यादा सैन्य समर्थन की जरूरत है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) चाहते हैं कि यूक्रेनी जमीन पर कब्जे के साथ-साथ उसे NATO में शामिल होने से रोका जाए। वहीं अक्टूबर में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शांति प्रस्ताव में यूक्रेन को NATO में शामिल करने के निमंत्रण को जंग जीतने के लिए अहम कदम बताया था। हालांकि NATO में अमेरिका के सहयोगियों का मानना है कि वह रूस के साथ जंग खत्म होने पर ही यूक्रेन को आमंत्रित करेंगे।

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