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यूक्रेन 30 दिनों के सीजफायर को तैयार

यूक्रेन 30 दिनों के सीजफायर को तैयार

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में एक बड़ा मोड़ आता दिख रहा है। यूक्रेन सरकार ने 30 दिनों के अस्थायी युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जताने के संकेत दिए हैं, जिससे इस संघर्ष को खत्म करने के लिए एक नया रास्ता खुल सकता है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही, सऊदी अरब में हुई शांति वार्ता में भी इस युद्ध को समाप्त करने के लिए ठोस प्रयासों की रूपरेखा बनाई गई है।

 

यूक्रेन ने युद्धविराम की पेशकश की

 

यूक्रेन की सरकार ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि वह रूस के साथ 30 दिनों के अस्थायी युद्धविराम के लिए तैयार है। हालांकि, यूक्रेन की यह शर्त भी है कि रूस इस दौरान किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा और संघर्षविराम का पालन करेगा। युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी रहे हैं, जिससे लाखों लोग बेघर हुए हैं और हजारों सैनिक व नागरिक मारे गए हैं। ऐसे में यह युद्धविराम एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल साबित हो सकता है।

यूक्रेन की इस पेशकश के पीछे कई कारण हैं। पहली बात यह कि यूक्रेन की सेना को हथियारों और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, लगातार हमलों के कारण बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। अगर यह युद्धविराम लागू होता है, तो यूक्रेन को अपनी सेना को पुनर्गठित करने और देश की स्थिति सुधारने का अवसर मिल सकता है।

 

अमेरिका ने फिर से शुरू की सैन्य सहायता

 

इस बीच, अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता दोबारा शुरू करने की घोषणा कर दी है। पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी कांग्रेस में इस सहायता को लेकर गतिरोध बना हुआ था, लेकिन अब इसे हरी झंडी मिल गई है। अमेरिका से मिलने वाली इस सहायता में आधुनिक हथियार, तोपें, मिसाइल सिस्टम और ड्रोन शामिल हैं, जो यूक्रेन की युद्ध क्षमता को मजबूत कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा सैन्य सहायता की बहाली से रूस पर दबाव बढ़ेगा और यूक्रेन को अपनी रक्षा पंक्ति मजबूत करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस कदम से रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। रूस पहले ही अमेरिका और नाटो पर यूक्रेन में युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है।

 

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सऊदी अरब में हुई शांति वार्ता में संभावित हल

 

 

यूक्रेन 30 दिनों के सीजफायर को तैयार

 

इस पूरे घटनाक्रम के बीच सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक अहम शांति वार्ता आयोजित की गई, जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर चर्चा हुई।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में यूक्रेन और रूस दोनों के लिए एक आम सहमति वाला समाधान निकालने की कोशिश की गई। हालांकि, रूस ने इस बैठक में औपचारिक रूप से भाग नहीं लिया, लेकिन उसके करीबी सहयोगी देशों ने इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

 

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में एक प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसमें शामिल था:

1. युद्धविराम को लागू करना – ताकि दोनों पक्षों को बातचीत के लिए समय मिल सके।


2. संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुंचाना – जिससे युद्ध पीड़ित लोगों को राहत मिल सके।


3. शांति वार्ता को आगे बढ़ाना – जिससे युद्ध को स्थायी रूप से खत्म करने का रास्ता निकल सके।

 

क्या युद्ध खत्म होने की उम्मीद है?

इस पूरे घटनाक्रम से यह संकेत मिल रहे हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। यूक्रेन की 30 दिनों के युद्धविराम की पेशकश, अमेरिका की सैन्य सहायता और सऊदी अरब में शांति वार्ता—ये तीनों घटनाएं मिलकर युद्ध को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती हैं।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध का अंत तभी संभव है जब रूस और यूक्रेन दोनों एक साथ बातचीत की मेज पर आएं और किसी स्थायी समाधान पर सहमत हों। अगर यह युद्धविराम सफल होता है, तो यह आगे की शांति वार्ताओं के लिए एक ठोस आधार तैयार कर सकता है।

अभी यह देखना बाकी है कि रूस इस युद्धविराम प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और अमेरिका की सैन्य सहायता के बाद युद्ध की स्थिति किस दिशा में जाती है। फिलहाल, पूरी दुनिया इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रही है ताकि यूक्रेन और उसके नागरिकों को राहत मिल सके।

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