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गलवान संघर्ष के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी, SCO समिट में होगी मौजूदगी

गलवान संघर्ष के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी, SCO समिट में होगी मौजूदगी

पीएम मोदी का चीन दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही एक महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर निकलने वाले हैं, जिसमें वे पहले जापान और फिर चीन का दौरा करेंगे। 30 अगस्त को Narendra Modi China visit की शुरुआत जापान से होगी, जहां वे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह बैठक दोनों देशों के रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में होगी। इसके बाद 31 अगस्त से 1 सितंबर तक पीएम मोदी Modi SCO Summit 2025 के तहत चीन के तियानजिन शहर जाएंगे। यह पीएम मोदी चीन दौरा विशेष रूप से इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि यह PM Modi first China visit after Galwan होगा। 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद यह पहली बार होगा जब भारत का कोई शीर्ष नेता चीन की धरती पर कदम रखेगा।

 

SCO बैठक में मोदी की भूमिका और कूटनीतिक संदेश

SCO बैठक में मोदी की मौजूदगी भारत की कूटनीतिक स्थिति को न केवल एशिया में बल्कि वैश्विक मंच पर भी मज़बूत करती है। इस समिट में आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और बहुपक्षीय सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव भी तेज हो रहा है। इस स्थिति में पीएम मोदी चीन दौरा भारत के लिए एक संतुलनकारी भूमिका निभाने का मौका साबित हो सकता है। इस Modi SCO Summit 2025 में भारत की तरफ से कनेक्टिविटी, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा जैसे विषयों पर अपनी बात रखी जाएगी। यह Narendra Modi China visit SCO जैसे मंच के जरिए भारत के पड़ोसी और मध्य एशियाई देशों से रिश्तों को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। माना जा रहा है कि इस समिट के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हो सकती है, जो भारत चीन रिश्ते 2025 को नई दिशा दे सकती है।

 

गलवान के बाद संबंध सुधारने की कूटनीतिक कोशिश

लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों ने भारत-चीन के रिश्तों में खटास ला दी थी। लेकिन अब पीएम मोदी चीन दौरा इस रिश्ते को सुधारने का एक प्रतीकात्मक और व्यावहारिक प्रयास माना जा रहा है। यह दौरा न केवल भारत की रणनीतिक स्थिति को मज़बूती देगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को भी स्पष्ट करेगा। यह भी उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान व्यापार और निवेश को लेकर भी नई संभावनाएं खुल सकती हैं। Narendra Modi China visit और Modi SCO Summit 2025 के जरिए भारत उन देशों के साथ भी संवाद बढ़ा सकता है जो BRICS, SCO और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर सक्रिय हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सिर्फ SCO में भागीदारी नहीं है, बल्कि चीन के साथ बेहतर कूटनीतिक समझ विकसित करना भी है। यही कारण है कि PM Modi first China visit after Galwan को लेकर दुनिया भर की निगाहें इस दौरे पर टिकी हुई हैं।

 

 

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Frequently Asked Questions 

 

 

Q1. पीएम मोदी का चीन दौरा कब और किस उद्देश्य से हो रहा है?

Ans 1. 31 अगस्त से 1 सितंबर तक SCO समिट में भाग लेने के लिए, भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने के उद्देश्य से।

 

Q2. यह दौरा क्यों खास माना जा रहा है?

Ans 2. यह गलवान झड़प के बाद पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा है, जो संबंध सुधार का प्रतीक है।

 

Q3. SCO समिट में भारत किन मुद्दों को उठाएगा?

Ans 3. आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा, ऊर्जा सहयोग और कनेक्टिविटी जैसे अहम विषय।

 

Q4. क्या मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत संभव है?

Ans 4. हां, समिट के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात की संभावना जताई जा रही है।

 

Q5. इस दौरे का वैश्विक संदेश क्या हो सकता है?

Ans 5. भारत बहुपक्षीय मंचों पर संतुलनकारी भूमिका निभाने को तैयार है, खासकर अमेरिका-चीन तनाव के बीच।

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