
Khalistani Extremism: भारत में हिंसा की ज़मीन बना कनाडा?
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Shweta
- June 20, 2025
कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा और अहम खुलासा हुआ है। कनाडा ने पहली बार स्वीकार किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी (Khalistani Extremism) उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हिंसा फैलाने, साजिश रचने और धन जुटाने के लिए कर रहे हैं। यह जानकारी कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS (Canadian Security Intelligence Service) की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई है, जो संसद में पेश की गई।
CSIS की रिपोर्ट में बताया गया है कि कनाडा स्थित खालिस्तानी तत्व भारत के पंजाब राज्य में एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र की स्थापना के लिए लंबे समय से हिंसक गतिविधियां चला रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि ये चरमपंथी संगठन न केवल फंडिंग और योजना बना रहे हैं, बल्कि कनाडा की धरती से भारत में हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। यह पहली बार है जब कनाडा ने इतने स्पष्ट तौर पर खालिस्तानी चरमपंथ (Khalistani Extremism) को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने की बात स्वीकारी है।
हालांकि, इसी रिपोर्ट में कनाडा ने भारत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। CSIS ने दावा किया है कि भारत सरकार और उसके कनाडा स्थित प्रॉक्सी एजेंट कनाडा की राजनीति और समुदायों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि जब ये गतिविधियां गुप्त, भ्रामक या धमकीपूर्ण होती हैं, तो उन्हें विदेशी हस्तक्षेप माना जाता है।
CSIS की रिपोर्ट में सिर्फ भारत नहीं, बल्कि चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान को भी कनाडा के लिए खुफिया खतरे के रूप में बताया गया है। विशेष रूप से चीन को कनाडा के लिए सबसे बड़ा खुफिया खतरा बताया गया है, लेकिन भारत को लेकर लगाए गए हस्तक्षेप के आरोप भारत-कनाडा संबंधों में पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकते हैं।
रिपोर्ट में हरदीप सिंह निज्जर के मामले का भी जिक्र किया गया है। कनाडा ने आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे भारत सरकार और आपराधिक नेटवर्क के बीच संबंध हो सकते हैं। जबकि भारत सरकार ने इस मामले में अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया है और कहा है कि कनाडा की ओर से लगाए गए सभी आरोप निराधार और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं। भारत ने उलटे कनाडा पर आरोप लगाया है कि वह वर्षों से खालिस्तानी चरमपंथियों (Khalistani Extremism) को पनाह दे रहा है और उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज करता आ रहा है।
2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बुरी तरह बिगड़ गए थे। कनाडा ने इस हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था, जिसे भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में खटास बनी हुई है।
खालिस्तानी चरमपंथ (Khalistani Extremism) अब कनाडा-भारत संबंधों के केंद्र में आ चुका है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस मोड़ पर पहुंचता है।
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