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  • Tuesday 24 June 2025 14:52:58
IMEC कॉरिडोर से जुड़ेगा भारत, बढ़ेगा व्यापार

IMEC कॉरिडोर से जुड़ेगा भारत, बढ़ेगा व्यापार

India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEC) एक बार फिर चर्चा के केंद्र में रहा, जब दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में चिंतन रिसर्च फाउंडेशन (CRF) द्वारा आयोजित हाई-लेवल कॉन्फ्रेंस में इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना को भारत के आर्थिक भविष्य की रीढ़ बताया गया। इस कॉन्फ्रेंस का नाम था – "IMEC: Connecting Continents, Unlocking Opportunities", जिसमें सरकारी अधिकारियों, निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के दिग्गजों ने भाग लिया।

 

IMEC की शुरुआत सितंबर 2023 में दिल्ली में आयोजित G20 समिट में हुई थी, जिसका उद्देश्य भारत को यूरोप और मिडिल ईस्ट से जोड़ने वाला एक मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनाना है। विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव डम्मू रवि ने कहा कि यह परियोजना न सिर्फ भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम है, बल्कि यह भारत को वैश्विक कनेक्टिविटी का केंद्र बना सकती है। उन्होंने कहा, "IMEC भारत के लिए निर्णायक है, क्योंकि भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि और मजबूत रिश्ते इसे इस परियोजना का केंद्र बिंदु बना सकते हैं।"

 

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CRF के अध्यक्ष शिशिर प्रियदर्शी ने इसे भारत के आर्थिक विकास की दिशा में "गेम चेंजर" करार दिया और निजी क्षेत्र की भूमिका को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि IMEC सिर्फ एक कॉरिडोर नहीं बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका को फिर से परिभाषित करने का अवसर है। Adani Group के रणनीति उपाध्यक्ष प्रसन्ना कार्तिक ने IMEC को न केवल एक आर्थिक साधन बल्कि एक "जियोपॉलिटिकल बैलेंसर" बताया। उन्होंने इंटीग्रेटेड पोर्ट डेवलपमेंट पर जोर देते हुए कहा कि इस परियोजना से लॉजिस्टिक लागत में कमी, शिपिंग टाइम में कटौती और ट्रांसपोर्ट सिस्टम में मजबूती आएगी।

 

करीब 600 अरब डॉलर के निवेश से तैयार होने जा रही IMEC परियोजना भारत के लिए हर मायने में ऐतिहासिक साबित हो सकती है। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन पाइपलाइन शामिल करने की योजना है, जिससे भारत को स्वच्छ ईंधन निर्यात का ग्लोबल हब बनाया जा सकता है। यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डर लेयन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ने IMEC की तारीफ करते हुए इसे "ग्रीन और डिजिटल ब्रिज" बताया और इसके तेज़ कार्यान्वयन के लिए सभी हस्ताक्षरकर्ताओं की एक समिट भारत में बुलाने का प्रस्ताव भी रखा। IMEC अब सिर्फ एक कॉरिडोर नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक आर्थिक यात्रा की दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक पड़ाव बन चुका है।

 

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