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Hindi Diwas 2025: हिंदी दिवस पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, गिनाईं हिंदी के लिए उठाए कदम

Hindi Diwas 2025: हिंदी दिवस पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, गिनाईं हिंदी के लिए उठाए कदम

हिंदी दिवस पर ममता का बड़ा बयान

Hindi Diwas 2025 के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के हिंदी भाषी समुदाय को शुभकामनाएं दीं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि यह दिन भाषाई एकता का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने साल 2011 से हिंदी और अन्य भाषाओं के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। ममता बनर्जी हिंदी दिवस बयान में उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में 10 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदी बोलते हैं, वहां हिंदी को सरकारी भाषा का दर्जा दिया गया है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने संथाली, कुरुख, कुड़माली, नेपाली, उर्दू, राजवंशी, कामतापुरी, उड़िया, पंजाबी और तेलगु भाषाओं को भी मान्यता दी है। इसके साथ ही सादरी भाषा को भी प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में बताया कि हिंदी भाषा को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने हिंदी अकादमी का गठन किया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की गई हैं। हावड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना, बानारहाट और नक्सलबाड़ी में हिंदी माध्यम के डिग्री कॉलेजों का खुलना और कई कॉलेजों में हिंदी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरुआत इस दिशा में अहम कदम हैं। अब उच्च माध्यमिक परीक्षा के प्रश्नपत्र भी हिंदी में उपलब्ध हैं। रवीन्द्र मुक्त विद्यालय के छात्र-छात्राओं को हिंदी भाषा में परीक्षा देने का अवसर मिला है, जिससे पश्चिम बंगाल हिंदी भाषी समुदाय को शिक्षा में बड़ी सुविधा मिल रही है। ममता बनर्जी हिंदी दिवस बयान इस बात का सबूत है कि उनकी सरकार न केवल हिंदी बल्कि सभी भाषाओं का सम्मान करती है।

 

छठ पूजा पर अवकाश और सामाजिक योजनाएं

Hindi Diwas 2025 के मौके पर ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हिंदी भाषी लोगों और अन्य श्रमिकों के लिए मुफ्त सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई हैं। गंगासागर मेले को ध्यान में रखते हुए वहां उत्कृष्ट आधारभूत संरचना तैयार की गई है। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा छठ पूजा के उपलक्ष्य में दो दिन की सरकारी छुट्टी रही। छठ पूजा सरकारी छुट्टी बंगाल सरकार का ऐसा कदम है जिसने न सिर्फ हिंदी भाषी लोगों को सम्मान दिया बल्कि उनकी भावनाओं को भी सशक्त बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पूजा सरकारी छुट्टी बंगाल के सांस्कृतिक सम्मान और भाषाई विविधता को और मजबूत करने वाला फैसला है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल हिंदी भाषी समुदाय राज्य की प्रगति और सांस्कृतिक विविधता का अभिन्न हिस्सा है। इसलिए उनकी भावनाओं और परंपराओं का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है। Hindi Diwas 2025 पर ममता बनर्जी हिंदी दिवस बयान ने यह साफ कर दिया कि बंगाल सरकार सभी भाषाओं के विकास और उनके सम्मान के लिए लगातार काम कर रही है। छठ पूजा सरकारी छुट्टी बंगाल में हिंदी भाषी समुदाय के लिए एक बड़ा तोहफा है, जो राज्य की भाषाई एकता को और मजबूत करता है। पश्चिम बंगाल हिंदी भाषी समुदाय ने भी मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत किया है और इसे अपनी पहचान को मान्यता देने वाला कदम बताया है।

 

 

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