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मध्य प्रदेश में OBC Reservation पर बड़ा ऐलान, CM मोहन यादव ने किया 27% कोटा देने का वादा

मध्य प्रदेश में OBC Reservation पर बड़ा ऐलान, CM मोहन यादव ने किया 27% कोटा देने का वादा

ओबीसी आरक्षण पर सरकार का रुख स्पष्ट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री CM मोहन यादव ने शनिवार (13 सितंबर) को साफ कहा कि उनकी सरकार राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ओबीसी समाज के अधिकारों की अनदेखी नहीं होगी और सरकार अदालत में मजबूती से पक्ष रखेगी। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जहां 23 सितंबर से नियमित सुनवाई शुरू होने जा रही है।

 

सीएम से मिला ओबीसी महासभा का प्रतिनिधिमंडल

शनिवार शाम को ओबीसी महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास पहुंचा और अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा। मुलाकात के दौरान CM मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार पूरी ताकत से ओबीसी समाज की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अदालत का जो भी निर्णय होगा, उसका सम्मान किया जाएगा।

 

वर्तमान स्थिति और मांग

फिलहाल मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। समाज की प्रमुख मांग है कि इसे बढ़ाकर ओबीसी कोटा 27 प्रतिशत किया जाए। ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य लोकेन्द्र गुर्जर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि सरकार इस दिशा में पूरी तरह तैयार है। गौरतलब है कि गुर्जर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

OBC Reservation का यह मामला लंबे समय से अदालत में अटका हुआ है। 23 सितंबर से इस पर सुनवाई शुरू होगी। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार सॉलिसिटर जनरल और अटॉर्नी जनरल के साथ मिलकर अदालत में पक्ष रखेगी। उन्होंने दोहराया कि सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत ओबीसी समाज की भावनाओं और अधिकारों को सुरक्षित करेगी।

 

सभी दलों का समर्थन

मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि 28 अगस्त को इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों की बैठक हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से ओबीसी कोटा 27 प्रतिशत की मांग का समर्थन किया गया। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में ओबीसी वर्ग का दबदबा हमेशा से रहा है।

 

2018 में हुई थी पहल

दिसंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से यह फैसला लागू नहीं हो सका। यही कारण है कि अब फिर से यह मामला अदालत में पहुंचा है और अंतिम निर्णय का इंतजार है।

 

ओबीसी की अहम भूमिका

आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश की कुल आबादी में ओबीसी वर्ग की हिस्सेदारी करीब 51.8 प्रतिशत है। यही वजह है कि राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका हमेशा से निर्णायक रही है। उल्लेखनीय है कि 2003 से अब तक राज्य के सभी मुख्यमंत्री, चाहे वह उमा भारती हों, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान या अब CM मोहन यादव, सभी ओबीसी वर्ग से ही रहे हैं।


राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि OBC Reservation के मामले में वह पूरी मजबूती से ओबीसी समाज के साथ खड़ी है। अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया के दौरान सरकार अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री का यह बयान ओबीसी वर्ग में भरोसा जगाने वाला है, जिससे आने वाले समय में राजनीति पर भी बड़ा असर पड़ सकता है।

 

यह भी पढ़ें - नितेश राणे का हमला, बोले- आदित्य ठाकरे बुर्का पहनकर देखेंगे मैच

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. मध्य प्रदेश में अभी ओबीसी को कितना आरक्षण मिल रहा है?
Ans. अभी ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।

 

Q2. ओबीसी समाज की मांग क्या है?
Ans. ओबीसी समाज की मांग है कि आरक्षण बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए।

 

Q3. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कब शुरू होगी?
Ans. ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में 23 सितंबर से सुनवाई शुरू होगी।

 

Q4. CM मोहन यादव का इस मुद्दे पर क्या कहना है?
Ans. CM मोहन यादव ने कहा कि सरकार ओबीसी कोटा 27 प्रतिशत देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

 

Q5. ओबीसी वर्ग का मध्य प्रदेश की राजनीति में क्या महत्व है?
Ans. मध्य प्रदेश की लगभग 51.8% आबादी ओबीसी वर्ग से है, इसलिए राजनीति में उनकी भूमिका अहम है।

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