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Donald Trump की नीतियों से अमेरिका में हिंसा भड़की: लॉस एंजेल्स बना विरोध का केंद्र

Donald Trump की नीतियों से अमेरिका में हिंसा भड़की: लॉस एंजेल्स बना विरोध का केंद्र

अमेरिका में राष्ट्रपति Donald Trump की नीतियों ने देश को उथल-पुथल की स्थिति में ला खड़ा किया है। Immigration Policy पर ट्रंप के सख्त रवैये और हाल ही में नेशनल गार्ड (National Guard) की तैनाती के फैसले से देश में हिंसा और विरोध की लहर दौड़ गई है। खासकर लॉस एंजेल्स जैसे शहरों में प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं।

 

हाल ही में ट्रंप ने Title 10 Authority का इस्तेमाल करते हुए नेशनल गार्ड को तैनात किया, जो राष्ट्रपति को अशांति या विद्रोह की स्थिति में सैन्य बलों के उपयोग की अनुमति देता है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है। 1965 में भी राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने अलबामा में इसी तरह गवर्नर की अनुमति के बिना नेशनल गार्ड को तैनात किया था। लेकिन ट्रंप के मामले में विवाद इसलिए गहरा गया क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार की मंजूरी के बिना ये कदम उठाया।

 

ट्रंप सरकार की आव्रजन नीति (Immigration Policy) के तहत हाल ही में लॉस एंजेल्स में विशेष अभियान चलाया गया जिसमें अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। छापेमारी के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुए जो अब हिंसक दंगों में बदल चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडे जलाए, गाड़ियां फूंकी और कई जगह पुलिस से भिड़ गए।

 

प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए दो हजार National Guard सैनिक तैनात किए गए। उन्होंने आंसू गैस के गोले छोड़े, रबर बुलेट चलाईं और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। इसी दौरान ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार लॉरेन टोमासी पर लाइव रिपोर्टिंग के दौरान रबर बुलेट चल गई, जो उनके पैर में लगी। यह घटना पूरी दुनिया में वायरल हो गई।

 

रात में स्थिति और भी भयावह हो गई जब पुलिस ने सीधे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग शुरू कर दी। डाउनटाउन से लेकर पैरामाउंट और कॉम्पटन तक सड़कों पर आगजनी का माहौल बन गया। फेडरल बिल्डिंग पर हमले हुए और कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।

 

Donald Trump ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। उन्होंने मास्क पहनकर प्रदर्शन करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया और लिखा कि लॉस एंजेल्स को “अवैध प्रवासियों के कब्जे से मुक्त कराया जाएगा।” उनके इन बयानों ने विरोध और भड़का दिया।

 

कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजेल्स की मेयर ने ट्रंप की इस कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा कि बिना राज्य सरकार की मंजूरी के National Guard की तैनाती संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। विशेषज्ञ भी यही सवाल उठा रहे हैं कि क्या राष्ट्रपति को किसी राज्य में बिना अनुमति सैन्य बल भेजने का अधिकार है?

 

Immigration Policy को लेकर ट्रंप सरकार का रवैया पहले से ही कठोर रहा है। अवैध प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन न कराने पर आपराधिक कार्रवाई का नियम लागू किया गया है। इससे खासतौर पर मैक्सिकन प्रवासी समुदाय में रोष व्याप्त है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 10.9 मिलियन मेक्सिकन प्रवासी रहते हैं, जो अमेरिका की विदेशी जनसंख्या का 23% हिस्सा हैं।

 

डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने जब राष्ट्रपति पद संभाला था, तब उन्होंने नारा दिया था “Make America Great Again”, लेकिन मौजूदा हालातों को देखकर यह नारा अब “Make America Bad Again” जैसा प्रतीत हो रहा है। अमेरिका के अपने ही नागरिक, खासकर प्रवासी समुदाय, उनके खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं।

 

दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतंत्र में आज जो हो रहा है, वह आने वाले समय में न सिर्फ अमेरिका की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े करेगा।नेशनल गार्ड, डोनाल्ड ट्रम्प और आव्रजन नीति, इन तीन मुद्दों ने अमेरिका को उसके सबसे मुश्किल दौर में धकेल दिया है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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