
सड़क हादसे में घायल को मिलेगा कैशलेस इलाज, नितिन गडकरी ने की बड़ी घोषणा
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Ashish
- January 9, 2025
सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मार्च तक पूरे देश में कैशलेस इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि किसी भी तरह की सड़क पर वाहनों से दुर्घटना होने पर घायलों को सात दिनों तक प्रति दुर्घटना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज मिलेगा।
पूरे देश में इस योजना को लागू करने की तैयारी
योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले संसद सत्र में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को 'कैशलेस' इलाज मुहैया कराने के लिए 14 मार्च 2024 को पायलट योजना शुरू की थी। बाद में इस योजना को छह राज्यों में लागू किया गया। अब इसे मार्च से पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।
ट्रकों और बसों को मिलेगी ट्रेनों के लिए 'कवच' सुरक्षा जैसी व्यवस्था
गडकरी ने कहा कि 42वीं परिवहन विकास परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा प्राथमिकता रही। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा निर्मित सभी भारी वाहनों यानी बसों और ट्रकों में तीन सुरक्षा तकनीकें अनिवार्य होंगी। माना जा रहा है कि ये तकनीकें ट्रकों और बसों को ट्रेनों के 'कवच' सुरक्षा सिस्टम की तरह सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। परिषद की बैठक नई दिल्ली में दो दिनों तक कार्यशाला के साथ आयोजित की गई। पहले दिन सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने 27 राज्यों के परिवहन सचिवों और परिवहन आयुक्तों के साथ बैठक की, जबकि मंगलवार को नितिन गडकरी ने परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की।
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वाहनों में होगा ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए भारी वाहनों में तीन तकनीकों को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम से दो वाहनों के बीच टक्कर को रोका जा सकेगा, जबकि ड्राइवर ड्रोजनेस सिस्टम अलर्ट एक ऐसा ऑडियो सिस्टम होगा जो यह भांप लेगा कि चालक को नींद आ रही है या आलस आ रहा है और चालक को सचेत कर देगा। नितिन गडकरी ने ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर नीति शुरू की
खुलेंगे नए प्रशिक्षण केंद्र
गडकरी ने कहा कि वर्ष 2024 में सड़क हादसों में मरने वाले 1.80 हजार लोगों में से 35 हजार मौतें बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले चालकों की वजह से हुई। चालकों को प्रशिक्षित करने के लिए मंत्रालय ने चालक प्रशिक्षण नीति शुरू की है। इसके तहत देशभर में 1250 नए प्रशिक्षण केंद्र और फिटनेस सेंटर खोले जाएंगे। इसमें मंत्रालय की ओर से करीब 4500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन केंद्रों से करीब 25 लाख नए चालक प्रशिक्षण के बाद लाइसेंस लेकर निकलेंगे और उन्हें रोजगार मिलेगा, जबकि करीब 15 लाख लोगों को इन केंद्रों में रोजगार मिलेगा। हर जिले में एक स्वचालित जांच केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
चालक आठ घंटे से ज्यादा वाहन नहीं चला पाएगा
जयपुर हादसे का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि चालक सुबह साढ़े चार बजे से रात साढ़े नौ बजे तक गाड़ी चला रहा था। यूरोप में कोई भी चालक आठ घंटे से ज्यादा गाड़ी नहीं चला सकता। भारत में 22 लाख चालकों की कमी है। मंत्रालय इस सुझाव पर आगे बढ़ेगा कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि आधार कार्ड से जुड़े कार्ड को स्वाइप करते ही इंजन स्टार्ट हो जाए और आठ घंटे बाद इंजन तभी स्टार्ट हो जब कोई दूसरा चालक अपना कार्ड स्वाइप करे।
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