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राहु काल एक अशुभ मुहूर्त कैसे? राहुकाल में न करें 5 काम, सफलता मिलनी हो जाएगी मुश्किल

राहु काल एक अशुभ मुहूर्त कैसे? राहुकाल में न करें 5 काम, सफलता मिलनी हो जाएगी मुश्किल

Rahu Kaal: राहुकाल, हिन्दू ज्योतिष में एक विशेष समय अवधि को कहा जाता है, जो प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक हर दिन अलग-अलग समय पर आता है। यह समय राहु ग्रह के प्रभाव का होता है, जिसे एक अशुभ ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति की जिंदगी में अशुभ फल देने वाला हो सकता है, और इस समय में किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य को करने से अनिष्ट हो सकता है। राहुकाल दो शब्दों राहु और काल से मिलकर बना है। राहु के छाया ग्रह है और काल का अर्थ समय से है। राहुकाल का शाब्दिक अर्थ हुआ राहु का समय। हर दिन में राहुकाल आता है, इसमें भी दिन के राहुकाल की गणना की जाती है। दिन के अनुसार राहुकाल के समय में भी अंतर होता है। राहुकाल में कोई भी काम करते हैं तो उसमें सफलता प्राप्त होना कठिन हो जाता है, उसके कई प्रकार की बाधाएं आने लगती हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि राहुकाल कब होता है? राहुकाल में शुभ कार्य क्यों नहीं करते हैं? यदि राहुकाल में कोई कार्य करना ही है तो इसका उपाय क्या है?

 

राहुकाल क्या है?
राहुकाल, हिन्दू ज्योतिष में एक विशेष समय अवधि को कहा जाता है, जो प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक हर दिन अलग-अलग समय पर आता है। यह समय राहु ग्रह के प्रभाव का होता है, जिसे एक अशुभ ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति की जिंदगी में अशुभ फल देने वाला हो सकता है, और इस समय में किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य को करने से अनिष्ट हो सकता है।

 

कैसे होती है राहुकाल की गणना?
सूर्योदय के समय, स्थान और दिन के अनुसार राहुकाल की गणना होती है। हर दिन का अलग अलग राहुकाल होता है। दिन के ही राहुकाल की मान्यता है। मंगलवार, शनिवार और रविवार के राहुकाल को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इन तीनों दिनों में राहुकाल के समय में राहु प्रभावी होता है।

 

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राहुकाल में वर्जित कार्य
- राहुकाल में कोई भी नया कार्य, जैसे नया व्यवसाय, दुकान खोलना, या नया प्रोजेक्ट शुरू करना वर्जित माना जाता है।
- किसी भी प्रकार की यात्रा, विशेषकर लंबी दूरी की यात्रा, राहुकाल में करना ठीक नहीं माना जाता। इसके बारे में मान्यता है कि यात्रा के दौरान दुर्घटनाएं या अप्रत्याशित        समस्याएं आ सकती हैं।
- किसी भी प्रकार का विवाह, सगाई, या कोई अन्य महत्वपूर्ण पारिवारिक समारोह जैसे कि गृह प्रवेश, संबंध तय करना, आदि राहुकाल के दौरान नहीं करना चाहिए।
- पूजा, हवन, यज्ञ, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान जैसे व्रत, उपवासी रहना, विशेष पूजा आयोजित करना आदि राहुकाल में करना वर्जित माना जाता है।
- नए घर में प्रवेश करना या किसी नए घर की खरीदारी करना राहुकाल में करना वर्जित है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है, ऐसा मानते हैं।
- राहुकाल में नया वाहन, नए कपड़े या आभूषण की खरीदारी भी इस समय से बचने की सलाह दी जाती है।
- किसी भी प्रकार की शुभ शुरुआत के लिए पूजा, अर्चना, या हवन इस समय में वर्जित मानी जाती है।

 

राहुकाल के उपाय
1. यदि आपको कोई कार्य करना अत्यंत ही आवश्यक है, जो राहुकाल मे पड़ रहा है तो सबसे पहले वीर हनुमान जी की विधिवत पूजा कर लें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। उसके बाद उनका प्रसाद ग्रहण करके कार्य प्रारंभ करें। कहा जाता है कि संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राहुकाल में यात्रा करने से पूर्व आपको दही, पान या कुछ मीठा खाकर निकलना चाहिए। इनको शुभता का प्रतीक माना जाता है, ये अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं।
3. राहु ग्रह चांदी से भी जुड़ा होता है। इस कारण राहुकाल में चांदी की वस्तु दान करने से राहु के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है।
4. राहुकाल के समय में यात्रा करना अत्यंत ही आवश्यक है, किसी के जीवन मरण का सवाल है तो आप घर के मुख्य द्वार से निकलने से पहले 10 कदम विपरीत दिशा में चलें। उसके बाद घर से निकलें।

 

कालसर्प दोष की पूजा में राहुकाल उपयोगी
कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh) ज्योतिष शास्त्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और शक्तिशाली दोष माना जाता है, जो व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर उत्पन्न होता है। राहुकाल को विशेष रूप से अशुभ और नकारात्मक समय माना जाता है, और इसे किसी भी शुभ कार्य के लिए नहीं किया जाता। हालांकि, कालसर्प दोष की पूजा में राहुकाल का उपयोग किया जाता है। कालसर्प दोष में राहु और केतु ग्रह प्रमुख होते हैं, और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए, कालसर्प दोष की पूजा के दौरान राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए राहुकाल का समय विशेष रूप से उपयोगी माना जाता है।

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