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Mahakumbh 2025 Naga Sadhu :  नागा साधुओं के क्या है 17 श्रृंगार, क्यों पहनते है रुद्राक्ष की माला

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu : नागा साधुओं के क्या है 17 श्रृंगार, क्यों पहनते है रुद्राक्ष की माला

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu :  प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ में नागा साधु विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए है। इन साधुओं की परंपरा, श्रृंगार और रहन-सहन में एक अद्भुत रहस्य और आध्यात्मिकता छिपी होती है। महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के अवसर पर नागा साधुओं का श्रृंगार आकर्षित होता है, कुंभ में नागा साधु रुद्राक्ष माला धारण करते है। तो आइए जानते है क्या है इसकी मान्यता-

 

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu :  नागा साधुओं के क्या है 17 श्रृंगार, क्यों पहनते है रुद्राक्ष की माला

महाकुंभ में अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण अखाड़ों के नागा संन्यासी हुए। इन नागा संन्यासियों का अंदाज देखने लायक होता है, खासकर जब वे मां गंगा में स्नान करने निकलते हैं। 12 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद महाकुंभ के इस पावन स्नान का मौका आता है, और इसे लेकर उनकी खुशी देखते ही बनती है। इस अवसर पर वे पूरी तरह सज-धजकर निकले हैं, और उनके श्रृंगार को बेहद खास और अद्वितीय माना जाता है।


क्यों खास होता है नागा साधुओं का श्रृंगार
जहां महिलाएं 16 श्रृंगार करती है, वहीं नागा साधु 17 प्रकार केृा श्रृंगार करते है। ये नागा संन्यासी अपने पूरे 17 श्रृंगार के साथ पवित्र गंगा स्नान के लिए निकलते है, जो महाकुंभ को विशेष अंदाज देता है। नागा साधुओं के हर एक श्रृंगार की अपनी एक विशेषता और अपनी एक कहानी होती है। मान्यता है कि इन सभी श्रृंगारों का सीधा संबंध भोलेनाथ शिव शंकर से है और हर स्वरूप का हिस्सा होते है।

 

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नागा साधुओं का श्रृंगार
भभूत :- नागा साधुओं के लिए भभूत वस्त्र के समान है, वहीं स्नान के बाद वे इसे पूरे शरीर पर लगाते है। बता दें कि इसे श्मशान से प्राप्त राख से बनाया जाता है और कई साधु इसे हवन सामग्री और गोबर जलाकर भी तैयार करते है।


लंगोट :- नागा साधु लंगोट पहनते है। बता दें कि यह उनके अनुयायियों को असहजता से बचाने या हठयोग का पालन करने के लिए पहना जाता है। वहीं लंगोट, प्राचीन काल से ही साधुओं के वेश का अभिन्न अंग रहा है ।


रुद्राक्ष :- नागा साधुओं के लिए रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, वे इसे धारण करते है । कई साधु तो रुद्राक्ष की मालाओं से पूरे शरीर को भी सजाते है। रुद्राक्ष को भगवान शिव की नेत्रों से गिरा जल माना जाता है, धरती पर इन्हें साक्षात शिव स्वरूप ही मानते हैं। बता दें कि ये रुद्राक्ष एकमुखी, दो मुखी, तीनमुखी, चारमुखी और पंचमुखी तक होते हैं।

 

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu :  नागा साधुओं के क्या है 17 श्रृंगार, क्यों पहनते है रुद्राक्ष की माला

जटा:- जटा नागा साधुओं के श्रृंगारों में से सबसे अहम श्रृंगार है, ये जटाएं नागा साधुओं की पहचान होती है। साधु अपनी जटाओं को रुद्राक्ष की मालाओं और फूलों की माला से सजाते है। जटा सीधे तौर पर भगवान शिव का प्रतीक भी माना जाता है।
ऐसे ही नागा साधुओं के कई अन्य श्रृंगार भी होते है, जो उनकी पहचान होते है।

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