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UNSC Presidency 2025: कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की चाल, भारत सतर्क

UNSC Presidency 2025: कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की चाल, भारत सतर्क

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता 2025 में पाकिस्तान को मिली अस्थायी अध्यक्षता के साथ ही इस्लामाबाद ने अपनी कूटनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर मुद्दा (Kashmir Issue in UNSC) उठाने की कोशिश करेगा। इस संभावित कदम को देखते हुए भारत ने भी तैयारी शुरू कर दी है, जिससे दोनों देशों के बीच भारत-पाक तनाव (India Pakistan Tension) एक बार फिर से उभरता दिखाई दे रहा है।

 

पाकिस्तान की योजना: OIC और UNSC में कश्मीर का मुद्दा

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में केवल कश्मीर पर ही नहीं, बल्कि इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने पर भी सक्रिय हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार जुलाई में एक उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता करेंगे। यह बहस औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर केंद्रित होगी, लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस मंच पर भी यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा (Kashmir Issue in UNSC) को उठाने की कोशिश करेगा।

 

पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने 1 जुलाई 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि, “अब समय आ गया है कि कश्मीर विवाद का समाधान निकाला जाए।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्यों से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील भी की।

 

भारत की प्रतिक्रिया और चिंता

भारत इस समूची स्थिति को लेकर सतर्क है। नई दिल्ली को आशंका है कि पाकिस्तान OIC और संयुक्त राष्ट्र के बीच क्षेत्रीय साझेदारी को एक कूटनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकता है। भारत को यह भी चिंता है कि OIC जैसे संगठन, जिनके सदस्य विविध और बिखरे हुए हैं, वे संयुक्त राष्ट्र में एक प्रभावशाली क्षेत्रीय समूह बनकर उभर सकते हैं, जो भारत के खिलाफ मत दे सकते हैं।

 

इसलिए भारत इस खुली बहस के दौरान कश्मीर पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए तैयारी कर रहा है। भारत का प्रयास होगा कि वह यूएनएससी अध्यक्षता 2025 (UNSC Presidency 2025) के दौरान किसी भी एकतरफा पाकिस्तान समर्थित एजेंडे का कड़ा विरोध करे।

 

OIC और पाकिस्तान की साझेदारी

पाकिस्तान का दूसरा बड़ा कार्यक्रम OIC और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग को लेकर एक ब्रीफिंग है, जिसकी अध्यक्षता भी विदेश मंत्री डार करेंगे। OIC की स्थापना 1969 में हुई थी और इसमें पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया के 57 देश शामिल हैं। यह समूह पहले भी कई बार जम्मू-कश्मीर पर भारत की नीति की आलोचना करता रहा है।

 

भारत-पाक तनाव (India Pakistan Tension) इस समय केवल सीमा पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी गहराता जा रहा है। भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस्लामाबाद अपने एजेंडे को UNSC जैसे मंचों पर थोप न सके।

 

यूएनएससी अध्यक्षता 2025 (UNSC Presidency 2025) पाकिस्तान के लिए एक कूटनीतिक अवसर है, लेकिन भारत इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए तैयार है। यूएनएससी में कश्मीर मुद्दा (Kashmir Issue in UNSC) एक बार फिर वैश्विक मंच पर चर्चा में आ सकता है, जिससे भारत-पाक तनाव (India Pakistan Tension) और अधिक बढ़ सकता है। भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए सजग रणनीति अपनानी होगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसका पक्ष मजबूती से सामने आए।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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