Tamil Nadu Assembly Elections: साउथ के सुपरस्टार विजय की राजनीति में धमाकेदार एंट्री
- Ashish
- October 27, 2024
Tamil Nadu Assembly Elections: तमिल सुपरस्टार विजय (Superstar Vijay) अपनी राजनीतिक पार्टी, तमीज़गा वेत्री कज़गम (TVK) की घोषणा करने के महीनों बाद आज तमिलनाडु के विक्रवंडी में अपनी पहली राजनैतिक रैली में अपने राजनीतिक दृष्टिकोण और एजेंडे का खुलासा करने के लिए तैयार हैं। ये रैली अभिनेता विजय की राजनीतिक यात्रा शुरुआत का प्रतीक है क्योंकि वह 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। तमिलनाडु राजनीतिक लंबे समय से द्रविड़ दिग्गजों, DMK और AIADMK का दबदबा रहा है।
अपनी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों के लिए मशहूर विजय ने फरवरी 2024 में TVK लॉन्च करके अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पुष्टि की। कुछ लोग इसकी तुलना एमजी रामचंद्रन (MGR), जयललिता और कमल हासन जैसे कलाकारों से कर रहे हैं, जिनमें से सभी ने अलग-अलग सफलता के साथ तमिल राजनीति में कदम रखा।
50 वर्षीय अभिनेता (Actor) से राजनेता बने विजय की योजना 2026 के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ने की है। हालांकि उनके सार्वजनिक बयानों से पता चलता है कि वे तमिलनाडु (Tamil Nadu) में प्रचलित राजनीतिक धाराओं के साथ काफी हद तक जुड़े रहेंगे, लेकिन अब तक उनका एक प्रमुख रुख NEET का विरोध रहा है, जो दक्षिणी राज्य में एक विवादास्पद विषय है।
रैली में लगे पोस्टर ने विजय के वैचारिक झुकाव के बारे में जानकारी दी। अभिनेता के पोस्टरों के साथ-साथ, स्थल पर द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक पिता ईवी रामासामी पेरियार और समाज सुधारक बीआर अंबेडकर के कटआउट प्रमुख रूप से प्रदर्शित किए गए। साथ ही, कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के कामराज का कटआउट भी प्रदर्शित किया गया, जो दर्शाता है कि विजय की पार्टी द्रविड़-सुधारवादी विचारधारा की ओर झुक सकती है। चिलचिलाती धूप के बावजूद विजय के समर्थक पहले राजनीतिक भाषण को देखने के लिए रैली स्थल पर सुबह से ही इकट्ठा होने लगे। प्रशंसक उन्हें प्यार से थलपति (सेनापति) कहते हैं, और उनका उत्साह अभिनेता की गहरी लोकप्रियता को दर्शाता है।
तमिल राजनीति में फ़िल्मी जगत
विजय तमिल सिनेमा की उन हस्तियों की लंबी सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा है। MGR को 1972 में DMK से निकाले जाने के बाद AIDMK बना कर इस प्रथा की शुरुआत का जनक माना जाता है। एमजीआर के राजनीतिक करियर में वे 1987 में अपनी मृत्यु तक 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे। उनकी उत्तराधिकारी जयललिता भी एक अभिनेत्री से राजनेता थी और उन्होंने कई बार राज्य पर शासन किया। हाल के वर्षों में, कमल हासन ने 2018 में मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) की शुरुआत की, लेकिन अभी तक उन्हें कोई खास चुनावी सफलता नहीं मिली है।
एक अन्य अभिनेता विजयकांत ने 2005 में अपनी देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) के साथ राजनीति जगत में कदम रखा तथा राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भी बने। सुपरस्टार रजनीकांत ने भी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की घोषणा की, लेकिन बाद में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण वे पीछे हट गए। तमिलनाडु की चुनावी राजनीति में काफ़ी प्रतिस्पर्धा है, जिसमें सत्तारूढ़ डीएमके और विपक्षी एआईएडीएमके के बीच गहरी पैठ है। राज्य प्रमुख के अन्नामलाई के नेतृत्व में भाजपा भी अपनी पैठ बना रही है। विजय के राजनीतिक मंच पर कदम रखने के बाद, यह देखना बाकी है कि क्या वह अपनी स्टार पावर को राजनीतिक ताकत में बदल पाते हैं। आज की रैली विजय की राजनीतिक रणनीति की पहली झलक पेश करेगी क्योंकि वह तमिलनाडु के लिए अपने दृष्टिकोण को सामने रखेंगे।
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