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SCO सम्मेलन 2025: पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, भारत ने दिखाया वैश्विक मंच पर दम

SCO सम्मेलन 2025: पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, भारत ने दिखाया वैश्विक मंच पर दम

तियानजिन घोषणा में आतंकवाद की निंदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता साबित हुई। 1 सितंबर को हुए SCO Summit 2025  की तियानजिन घोषणा में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का विशेष उल्लेख किया गया और उसकी कड़ी निंदा की गई। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस घोषणा ने यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और SCO सदस्य देश एकजुट हैं।

 

भारत की दृढ़ कूटनीतिक स्थिति

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 जून को चीन के किंगदाओ में आयोजित रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। उस समय घोषणा पत्र में पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था, जबकि पाकिस्तान से जुड़ी घटनाओं का जिक्र था। भारत ने यह साफ कर दिया कि जब तक इस हमले का जिक्र नहीं होगा, वह हस्ताक्षर नहीं करेगा। नतीजतन तियानजिन में हुए SCO Summit 2025  में भारत का रुख सफल रहा और दस्तावेज़ में इस हमले का स्पष्ट उल्लेख किया गया।

 

पाकिस्तान का नाम न होने पर भी मिली बड़ी जीत

तियानजिन घोषणा में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया। हालांकि, सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को साझा खतरा मानते हुए इसकी निंदा की। रूस, चीन, ईरान सहित संगठन के 10 सदस्य देशों ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस संदर्भ में आतंकी हमले पर भारत का रुख पूरी तरह से प्रभावी रहा क्योंकि दस्तावेज़ में कहा गया कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार के दोहरे मानक स्वीकार्य नहीं होंगे।

 

पीएम मोदी का संबोधन और भारत का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कुछ राष्ट्रों द्वारा आतंकवाद को मिले समर्थन की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और SCO Summit 2025  इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि "दोहरे मानक स्वीकार्य नहीं हैं।" यह बयान आतंकी हमले पर भारत का रुख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से रखने वाला था।

 

तियानजिन घोषणा में भी साफ लिखा गया, “सदस्य राज्य सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानकों को अस्वीकार्य मानते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही रोकने का आह्वान किया जाता है।” इसके साथ ही 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की गहरी निंदा की गई और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई गई।

 

अमेरिका के दबाव के बीच भारत का आत्मविश्वास

यह सफलता ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, खासकर रूस से तेल खरीद को लेकर। भारत ने इस दावे को चुनौती दी और साफ किया कि रूस से तेल खरीद बाजार को स्थिर बनाए रखने के लिए जरूरी है। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत की नीति ने वैश्विक कीमतों को नियंत्रण में रखा।

 

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप इस बात से नाराज थे कि मोदी सरकार ने उनके दावे का समर्थन नहीं किया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि द्विपक्षीय मामलों में वह किसी तृतीय पक्ष के दबाव में निर्णय नहीं लेगा।

 

SCO Summit 2025  भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि साबित हुआ। इस मंच पर पहली बार पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख कर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता दिखाई गई। साथ ही, आतंकी हमले पर भारत का रुख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। यह सफलता न केवल भारत की कूटनीति की मजबूती दिखाती है बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि आतंकवाद पर दोहरे मानक अब और स्वीकार्य नहीं होंगे।

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. SCO सम्मेलन 2025 में क्या मुख्य मुद्दा रहा?
Ans. प्रमुख मुद्दा आतंकवाद था, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का विशेष जिक्र किया गया।

Q2. भारत ने SCO में अपना रुख कैसे पेश किया?
Ans. आतंकी हमले पर भारत का रुख स्पष्ट था और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा दिया।

Q3. तियानजिन SCO घोषणा में पाकिस्तान का नाम क्यों नहीं लिया गया?
Ans. पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया, लेकिन सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद की निंदा की।

Q4. SCO सम्मेलन 2025 में भारत की कूटनीतिक सफलता क्या रही?
Ans. पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख कर भारत ने अपनी अंतरराष्ट्रीय हैसियत और दोहरे मानकों के खिलाफ मजबूती दिखाई।

Q5. पीएम मोदी ने आतंकवाद पर क्या संदेश दिया?
Ans. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है और दोहरे मानक अस्वीकार्य हैं, जिससे आतंकी हमले पर भारत का रुख स्पष्ट हुआ।

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