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धार्मिक नारे और अचानक हमला – दुबई हमले में क्या साजिश थी?

धार्मिक नारे और अचानक हमला – दुबई हमले में क्या साजिश थी?

 

गवाहों के मुताबिक दुबई हमले के आरोपी ने चिल्लाए धार्मिक नारे

 

यह मामला दुबई हमले का है जिसमें तेलंगाना के नागरिक का संबंध है जो दुबई की एक बेकरी में काम करते थे, को एक पाकिस्तानी नागरिक ने धार्मिक नारे लगाते हुए उन पर हमला कर दिया। दुबई हमले में तेलंगाना के दो लोगों की मौत हो गई और तीसरे व्यक्ति को गंभीर चोटें आई हैं। मृतकों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि भारतीय होने के नाते उन्हें जान से मारा गया है।

 

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ चिल्लाते हुए हत्या

पाकिस्तानी नागरिक ने दुबई में तेलंगाना के दो मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया। 11 अप्रैल को दुबई में मॉडर्न बेकरी एलएलसी में काम के दौरान एक पाकिस्तानी नागरिक ने अष्टापु प्रेम सागर और श्रीनिवास पर हमला कर दिया। दुबई हमले में दोनों मजदूरों की जान चली गई। हत्या के दौरान हमलावर पाकिस्तानी नागरिक जोर-जोर से धार्मिक नारे दुबई में लगा रहा था, "पाकिस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद।" दुबई हमले के बाद आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। दुबई में पाकिस्तानी हमले के कारण तेलंगाना में दोनों पीड़ितों के परिवारजन भी हैरान और स्तब्ध हो गए।

 

दुबई हमले के बाद परिवारजन कर रहे इंतजार

परिवारजन उनके पार्थिव शरीर के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय दूतावास के माध्यम से दुबई पुलिस से दोनों की डेड बॉडी को भारत वापस लाने की प्रक्रिया में तेजी लाने और दुबई पुलिस जांच का निवेदन किया गया है। अष्टापु प्रेम सागर निर्मल जिले के निवासी थे, जबकि श्रीनिवास निजामाबाद जिले के थे।

 

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भारत से थे, हिंदू थे – इसलिए हुई हत्या?

दुबई हमले में तेलंगाना मजदूरों की हत्या में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। परिवार का आरोप है कि अष्टापु और श्रीनिवास की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वे भारत के रहने वाले और हिंदू थे। तेलंगाना के इन युवाओं की हत्या उनके सहकर्मी ने काम के दौरान की थी। दुबई हमले में दो अन्य लोग घायल भी हुए हैं। कहा जा रहा है कि यह हमला काम के तनाव और दुबई में धार्मिक तनाव के कारण हुआ। प्रेमसागर सोआन गांव के रहने वाले थे और दुबई में नौकरी करते थे।

प्रेमसागर अपने परिवार के लिए तेलंगाना में सहारा थे। घर की जल्द वापसी की योजना बना रहे थे। वह अपने बूढ़े माता-पिता से मिलने और अपनी दूसरी बेटी को पहली बार देखने के लिए काफी उत्सुक थे। लेकिन क्या पता था कि उनके परिवार का यह इंतजार दुख में बदल जाएगा। 12 अप्रैल को, दुबई में उनके रिश्तेदारों ने खबर दी कि प्रेमसागर की एक सहकर्मी ने हमला कर हत्या कर दी है। प्रेमसागर लगभग ढाई साल पहले दुबई गए थे। उन्हें एक रिश्तेदार के जरिए नौकरी का पता चला था। उस समय, उनकी पत्नी प्रमिला गर्भवती थीं। उनकी बड़ी बेटी अब नौ साल की है।


बेटी का इंतज़ार... और पिता की मौत की खबर

दुबई हमले के बारे में परिवार ने बताया कि हत्यारा एक पाकिस्तानी नागरिक है जो उनके साथ बेकरी में काम करता था। प्रेमसागर के छोटे भाई संदीप ने बताया कि यह हत्या एक मामूली बहस के बाद हुई। बहस इतनी बढ़ गई कि जानलेवा हमला हो गया। संदीप ने बताया कि हमला बहुत ही हिंसक था। उन्होंने कहा कि मेरे भाई को बार-बार चाकू मारा गया। जिन्होंने यह सब देखा उन्होंने हमें बताया कि मेरे भाई ने हमलावर से कहा कि उसकी दो बेटियां और बूढ़े माता-पिता हैं, लेकिन वह नहीं रुका। संदीप ने कहा कि उसे सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह भारत से था और हिंदू था। हम न्याय की गुहार लगाते हैं और सरकार से दुबई पुलिस जांच में मदद की उम्मीद करते हैं।

 

शव लाने की प्रक्रिया तेज़

बेकरी हमले के कारण का संज्ञान लेते हुए हत्याओं पर दुख जताते हुए, केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि उन्होंने शवों को भारत लाने में मदद के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "दुबई में तेलंगाना के दो तेलुगु युवाओं, निर्मल जिले के अष्टपु प्रेमसागर और निजामाबाद जिले के श्रीनिवास की नृशंस हत्या से गहरा सदमा लगा। दुबई हमले पर माननीय विदेश मंत्री एस जयशंकर जी से बात की और उन्होंने शोक संतप्त परिवारों को पूरा समर्थन और बॉडी की तत्काल स्वदेश वापसी का आश्वासन दिया है।

 

दुबई पाकिस्तानी केस से पूरे गांव में शोक की लहर है। हर कोई प्रेमसागर के परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहा है। दुबई पाकिस्तानी केस पर लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह दुबई बेकरी साजिश के मामले में हस्तक्षेप करे और दोषियों को सजा दिलाए। साथ ही, परिवार को आर्थिक मदद भी दी जाए।

 

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