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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस को लिखी चिट्ठी
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Manjushree
- March 27, 2025
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्तों में लाना चाहते हैं सुधार।
PM Modi's letter: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) के स्वतंत्रता दिवस पर मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) को एक पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी हैं। इस पत्र में प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम और भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। बांग्लादेश और भारत के रिश्तों को सुधारने के लिए बांग्लादेश ने बिम्सटेक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक का प्रस्ताव भेजा था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की राह देख रहे बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस को पीएम ने एक खास पत्र लिखा है। यह पत्र प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर लिखा है। 26 मार्च को बांग्लादेश अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
बांग्लादेश-भारत के रिश्तों में सुधार की आवश्यकता (Need to improve Bangladesh-India relations)
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) भारत के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्तों में सुधार लाना चाहते हैं, क्योंकि यूनुस जानते हैं कि बांग्लादेश (Bangladesh) भारत (India) के साथ अपने रिश्तों को ज्यादा दिन तक खराब नहीं रख सकता है। पिछले दिनों बांग्लादेश ने भारत को पत्र भेजकर दो से चार अप्रैल तक थाईलैंड में होने वाले बिम्सटेक सम्मेलन में पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की बैठक का प्रस्ताव रखा था। इस पर भारत ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि अभी तक भारत की तरफ से तय नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में सम्मिलित होंगे या नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी का पत्र और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का जिक्र(Prime Minister Modi's letter and mention of Bangladesh Liberation War)
पीएम मोदी ने इस पत्र में इतिहास के बारे में जिक्र किया है और 1971 के बांग्लादेश (Bangladesh) मुक्ति संग्राम की अटूट भावना को भारत-बांग्लादेश के मजबूत रिश्तों की नींव बताया। बांग्लादेश को उसकी स्थापना में भारत की भूमिका की याद दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह दिन 1971 में उस ऐतिहासिक क्षण को बताता है, जब भारत की सैन्य सहायता के बदौलत बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बना था।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का जिक्र उस समय किया है जब बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की भावना हमारे संबंधों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई है, जिसके कारण हमारे कई क्षेत्र फल-फूल रहे हैं और इससे हमारे लोगों को भी लाभ मिल रहा है।

भारत-बांग्लादेश के रिश्ते में तनाव, याद आया भारत (Tension in India-Bangladesh relationship, India remembered)
5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना के सत्ता परिवर्तन के बाद भारत (India)और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद शेख मुजीबुर्रहमान से जुड़े प्रतीकों और चिह्नों पर हमले हुए हैं। इसके बावजूद, बांग्लादेश को भारत से महत्वपूर्ण सहयोग की आवश्यकता है, विशेषकर सैन्य, राजनयिक और मानवीय क्षेत्रों में। भारत पर कई चीजों के लिए निर्भर रहने वाला बांग्लादेश अब घुटनों पर आ रहा है।

क्या बिम्सटेक सम्मेलन में होगी मोदी और यूनुस की बैठक?(Will Modi and Yunus meet at the BIMSTEC conference)
बैंकॉक में 2-4 अप्रैल तक चलने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश (Bangladesh) और भारत दोनों भाग लेने वाले हैं। ऐसे में प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) ने भारत के सामने पीएम के साथ बैठक करने की इच्छा प्रकट की। बांग्लादेश और भारत दोनों बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, और बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का प्रस्ताव रखा है। बांग्लादेश का कहना है कि वह भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने कहा कि बांग्लादेश बैठक के लिए पूरी तरह तैयार है।
मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा और बिम्सटेक(Muhammad Yunus's visit to China and BIMSTEC)
बांग्लादेश (Bangladesh) के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस तीन दिवसीय यात्रा पर चीन जाएंगे। उसके बाद बैंकॉक में बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोहम्मद यूनुस चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में भाग लेंगे।
जशीम उद्दीन ने कहा कि यूनुस की चीन यात्रा पर म्यांमार की आंतरिक स्थिति और रोहिंग्याओं को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश सचिव ने कहा कि तीस्ता इस यात्रा के एजेंडे में नहीं है। सुरक्षा और संभावित खरीद के मुद्दों पर भी बात होगी। उन्होंने चीन को बांग्लादेश का अच्छे मित्र के रूप में बताया और कहा कि चीन भी बांग्लादेश को उसी तरह देखता है।
बता दें कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारत (India) ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के लोगों को सैन्य, राजनयिक और मानवीय सहायता प्रदान की। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 16 दिसंबर 1971 को ढाका में पाकिस्तान की हार हुई और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया था।
बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में सुधार की कोशिश जारी है, और बिम्सटेक सम्मेलन में दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत से इन रिश्तों में और सुधार हो सकता है।
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