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PCOD: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

PCOD: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

PCOD : आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित खानपान के कारण कई महिलाएं स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही हैं। ऐसी ही एक आम समस्या है PCOD (Polycystic Ovarian Disease), जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज कहा जाता है। यह एक हार्मोनल विकार है, जो महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) को प्रभावित करता है और अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना और गर्भधारण में परेशानी जैसी समस्याएं पैदा करता है।

PCOD क्या है

PCOD में महिलाओं की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठें) बनने लगती हैं, जिससे अंडाशय सही तरह से काम नहीं कर पाता। इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और शरीर में एंड्रोजन (मेल हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है। इसका सीधा असर महिलाओं की मासिक धर्म चक्र (periods) और प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।

 

PCOD के कारण

1.अनियमित जीवनशैली – खराब खानपान, जंक फूड का अधिक सेवन और व्यायाम की कमी

2.हार्मोनल असंतुलन – शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का बढ़ना

3.आनुवंशिकता – यदि परिवार में किसी महिला को यह समस्या रही हो तो अगली पीढ़ी में भी हो सकती है

4.तनाव और डिप्रेशन – मानसिक तनाव से हार्मोन असंतुलन होता है

5.इंसुलिन प्रतिरोध – कई महिलाएं PCOD के साथ इंसुलिन प्रतिरोध का अनुभव करती हैं, जिसका मतलब है कि उनके शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाते। इससे इंसुलिन के स्तर बढ़ सकता है, जो एंड्रोजन के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकते हैं।

6.जेनेटिक्स: PCOD अक्सर परिवारों में पाया जाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इसका एक आनुवंशिक (जेनेटिक्स) संबंध हो सकता है। यदि आपकी मां या बहन को PCOD है, तो आपमें इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है।

 

 

 

PCOD: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

PCOD के लक्षण

1.अनियमित पीरियड्स या महीनों तक पीरियड्स न आना

2.चेहरे, छाती और पीठ पर अत्यधिक बालों का आना

3.वजन बढ़ना और मोटापा

4.मुंहासे और तैलीय त्वचा

5.बालों का झड़ना और सिर के सामने के हिस्से से बाल पतले होना

6.गर्भधारण में कठिनाई

7.डिप्रेशन और मूड स्विंग्स

 

 
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PCOD के इलाज और बचाव के उपाय

PCOD का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

1. स्वस्थ आहार – जंक फूड, अधिक मीठा और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से बचें। हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें।

2. व्यायाम और योग – रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करें। योग, विशेष रूप से प्राणायाम और ध्यान, हार्मोन संतुलन में मदद            करता है।

3. वजन नियंत्रित रखें – यदि वजन अधिक है तो उसे कम करने की कोशिश करें, क्योंकि वजन कम होने से हार्मोन संतुलन में सुधार होता है।

4. तनाव प्रबंधन – ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें, ताकि मानसिक तनाव कम हो।

5. दवा और डॉक्टर की सलाह – अगर समस्या ज्यादा बढ़ रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सही दवा लें।

6. प्रजनन उपचार:यदि गर्भधारण करना लक्ष्य है, तो ओव्यूलेशन प्रेरण दवाओं या सहायक फर्टिलिटी तकनीकों के द्वारा ये संभव किया जा सकता है        जैसेफर्टिलिटी उपचार की रिकमेन्डेशन की जा सकती है।

 

PCOD में डाइट

 

PCOD: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

खाने के लिए
- फल और सब्जी खाएं (जैसे कि सेब, केला, पालक, और ब्रोकोली)
- पूरे अनाज खाएं (जैसे कि ब्राउन राइस, क्विनोआ, और पूरी गेहूं की ब्रेड)
- प्रोटीन युक्त आहार खाएं (जैसी की मछली, अंडे, और दाल)
- स्वस्थ वसा खाएं (जैसे कि एवोकैडो, नट्स, और बीज)

वर्जित करें

- चीनी और मिठाई से बचें
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से बचें (जैसे कि पिज़्ज़ा, बर्गर, और फ्राइज़)
- ट्रांस वसा से बचें (जैसे कि मार्जरीन और हाइड्रोजनीकृत तेल)

अन्य सुझाव

- पानी पिते  रहे 
- व्यायाम करें
- तनाव काम करें
- नियमित आहार लें


PCOD महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसे सही खानपान, व्यायाम और नियमित जीवनशैली अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी महिला को इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय पर सही इलाज हो सके। जागरूकता और सही जानकारी से PCOD को मात देना संभव है।

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