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Paush Purnima 2025: 144 सालों के बाद पौष पूर्णिमा पर बन रहा अद्भुत संयोग, इस तरह करें सत्यनारायण भगवान की पूजा, घर में आएगी सुख समृद्धि

Paush Purnima 2025: 144 सालों के बाद पौष पूर्णिमा पर बन रहा अद्भुत संयोग, इस तरह करें सत्यनारायण भगवान की पूजा, घर में आएगी सुख समृद्धि

Paush Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधिवत रूप से पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है। महत्वपूर्ण धार्मिक तिथियों में पूर्णिमा की तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसे में साल 2025 की शुरुआत हो गई है और साल की पहली पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी 2025, सोमवार के दिन मनाई जाएगी, इसे पौष पूर्णिमा कहा जाता है। ऐसे में इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करने का विशेष महत्व होता है, साथ ही मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से जातकों के जीवन में आ रहे दुख और कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। तो आईए जानते हैं कि कब है पौष पूर्णिमा और इसका क्या महत्व है-

 

पौष पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
सबसे पहले पौष माह की पूर्णिमा तिथि के शुभ मुहूर्त की बात करें तो हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की शुरुआत 13 जनवरी को सुबह 5:03 पर हो जाएगी और इसका समापन 14 जनवरी को सुबह 3:56 पर होगा। ऐसे में पौष पूर्णिमा सोमवार, 13 जनवरी को ही मनाई जाएगी। इसके साथ ही, पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 5:04 पर रहेगा। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

 

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पौष पूर्णिमा पूजा विधि

  • पौष पूर्णिमा के दिन आप सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। चाहें तो किसी पवित्र नदी में स्नान भी कर सकते हैं नहीं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद साफ स्वच्छ या नए वस्त्र धारण करें. सूर्य देव को जल अर्पित करें. इस दौरान ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
  • अब पूजा स्थल पर एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें और विधि-विधान से उनकी पूजा करें।
    इसके बाद शाम के समय एक कलश में पानी भर भगवान विष्णु को पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग अर्पित करें। सत्यनारायण की कथा पढ़ें या किसी पंडित जी को बुलाकर सत्यनारायण की कथा (Satyanarayana Katha) करवाएं, आसपास के लोगों को भी आमंत्रित करें और पूजा के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
  • पंडित या किसी मान्य को दान-दक्षिणा दें और चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना करें।

 

पौष पूर्णिमा व्रत के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा का व्रत (Paush Purnima Vrat) करने से पापों का नाश होता है, जीवन में शांति आती है, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

 

144 सालों के बाद बन रहा अद्भुत संयोग
पौष पूर्णिमा पर 144 सालों के बाद इस बार बहुत ही अद्भुत और शुभ संयोग बन रहा है। पौष पूर्णिमा के दिन ही 2025 महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है जिसका आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान अवश्य करना चाहिए और स्नान करने के बाद दान करने से इंसान को सुख-समृद्धि और तरक्की मिलती है, साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं।

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