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मोदी सरकार का बड़ा फैसला: वक्फ विधेयक से कहीं ज्यादा शक्तिशाली कदम

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: वक्फ विधेयक से कहीं ज्यादा शक्तिशाली कदम

 

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने से बीजेपी की चुनावी रणनीति और मजबूत हो गई।  

 

कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रात 1:56 बजे ऐलान किया कि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) के पक्ष में 288 वोट पड़े हैं, और विरोधी पार्टियों की तरफ से 232 वोट पड़े। वोटिंग के बाद वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

इस विधेयक पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी पार्टियों ने जमकर समर्थन किया, और विपक्षी पार्टियों ने जमकर विरोध किया। विचार करते हैं कि इस बिल का मोदी सरकार (PM Modi) की चुनावी रणनीति पर क्या असर पड़ेगा।

मोदी सरकार ने वक्फ विधेयक में संशोधन कर यह संदेश दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने फैसलों में अडिग है और देश में भ्रष्टाचार को खत्म करके रहना है। वक्फ संशोधन विधेयक, जिसे संसद में काफी गरमागरमी बहस के बाद पास किया गया, सरकार को कई रणनीतिक लाभ में ब्रह्मास्त्र का काम कर सकता है।

3 अप्रैल 2025 को देर रात 1:56 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऐलान किया कि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े हैं, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े। इस वोटिंग के साथ ही वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा।

इस विधेयक का भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी पार्टियों ने जमकर समर्थन किया, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने जमकर विरोध किया। लेकिन इस बीच सवाल उठता है कि चुनावी गणित पर इस बिल का क्या असर पड़ सकता है।

दरअसल, इस विधेयक को पास कर मोदी सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह अपने फैसलों में दृढ़ है और किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करती। वक्फ संशोधन विधेयक, जिसे संसद में भारी बहस के बाद पास किया गया, केंद्र सरकार के कई रणनीतिक लाभ का मास्टर स्ट्रोक कह सकते हैं।

 

 

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: वक्फ विधेयक से कहीं ज्यादा शक्तिशाली कदम

चुनावी राजनीति में असर


वक्फ विधेयक का पारित होना चुनावी राजनीति में बीजेपी के लिए एक योजनाबद्ध फायदा हो सकता है। आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल, बिहार और देश के अन्य राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, और बीजेपी ने इस विधेयक से चुनाव में अपनी रणनीति मजबूत कर ली है और अपना सशक्त रूप प्रस्तुत किया है। चुनावी राजनीति में मोदी सरकार विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है। बीजेपी सरकार अपना प्रभाव जनता के बीच पहले ही बना चुकी है और वह अपनी योजनाओं को लागू करने में पूरी तरह से दृढ़ है। वक्फ विधेयक के साथ ही पार्टी ने अपने राजनीतिक निर्णय को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।

 

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विरोधी पार्टी का मुस्लिम वोट बैंक

 

वक्फ विधेयक का पारित होना जहां मुस्लिम वोट से केंद्र सरकार को फायदा होगा, वहीं विपक्ष द्वारा मुस्लिम वोट बैंक पर की जा रही राजनीति को कमजोर कर सकता है। जहां एक तरफ विरोधी पार्टियां मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा के नाम पर जोरदार राजनीति करते हुए नजर आ रही हैं, वहीं मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक लाकर विपक्षियों को बता दिया कि मुस्लिमों के हितों में बदलाव लाने का मतलब उनका विरोध करना नहीं है। विपक्ष द्वारा मुस्लिम समुदाय का हित न सोचकर केवल वोटों के लिए राजनीतिक लाभ उठाने की रणनीति अब काम नहीं आ सकती। अब विपक्ष के भीतर एक बहुत बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है, जो सरकार के लिए भविष्य में प्रभावशाली साबित होगी।

 

240 सीटों का मास्टर स्ट्रोक


नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के समर्थन मिलने पर बीजेपी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक जैसे अहम मुद्दे पर मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है। भारतीय जनता पार्टी ने दिखा दिया कि वह किसी भी फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम है, न कि किसी के दबाव में आकर। विधेयक पर लोकसभा में 240 सीटों के साथ अपनी शक्ति को दिखा दिया। प्रधानमंत्री मोदी (PM modi) के फैसले हमेशा की तरह मिसाल पेश करते हैं और सामाजिक प्रभाव को भी मजबूत बनाते हैं।

 

लोकसभा में इस विधेयक के पारित होने के बाद, बीजेपी ने अपने सहयोगी पार्टियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विपक्ष को राजनीतिक रूप से चुनौती दी है। वक्फ विधेयक का पारित होना मुस्लिम वोट बैंक पर विपक्षी पार्टियों की राजनीति को कमजोर कर सकता है।

 

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