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Man Ki Baat : पीएम मोदी ने इस बार एक सप्ताह पहले कर ली मन की बात, गणतंत्र दिवस की वजह से चेंज हुआ शेड्यूल

Man Ki Baat : पीएम मोदी ने इस बार एक सप्ताह पहले कर ली मन की बात, गणतंत्र दिवस की वजह से चेंज हुआ शेड्यूल

Man Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। आमतौर पर यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है। लेकिन इस बार आखिरी रविवार 26 जनवरी को पड़ रहा है। इस दिन गणतंत्र दिवस होने की वजह से इस बार कार्यक्रम को एक सप्ताह पहले ही प्रसारित कर दिया गया। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने लोगों से कई अहम बातें कीं। पीएम मोदी ने संविधान निर्माता बाबासाहब भीमराव अंबेडकर से लेकर देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और और जनसंघ के संस्थापकों में से एक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधनों के कुछ अहम अंश भी सुनाए।

 

संविधान निर्माण में योगदान देने वाले महान नेताओं को किया नमन

वहीं साल 2025 के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि इस बार का 'गणतंत्र दिवस' बहुत विशेष है। ये भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष संविधान लागू होने के 75 साल हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी-लंबी चर्चाएं हुईं। वो चर्चाएं संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वो वाणी, हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। देश में जब 1951-52 में पहली बार चुनाव हुए, तो कुछ लोगों को संशय था, कि क्या देश का लोकतंत्र जीवित रहेगा? इन सब के बीच हमारे लोकतंत्र ने सारी आशंकाओं को गलत साबित किया। आखिर भारत लोकतंत्र की जननी है।

 

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महाकुंभ 2025 पर बोले- ये पर्व हमारे सद्भाव, एकता को बढ़ाने वाले पर्व

मन की बात में पीएम मोदी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से निरंतर चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं दिखता। इसमें भारत की चारों दिशाओं से लोग संगम स्नान के लिए आते हैं और कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही, दक्षिण भू-भाग में, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं। इसी तरह कुंभकोणम से तिरुक्कड-यूर, कूड़-वासल से तिरुचेरई अनेक ऐसे मंदिर हैं, जिनकी परम्पराएं कुंभ से जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'कुंभ', 'पुष्करम' और 'गंगा सागर मेला' - हमारे ये पर्व, हमारे सामाजिक मेल-जोल को, सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं।

 

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स्पेस डॉकिंग के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को दी बधाई

उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए गर्व है कि एक भारतीय स्पेस-टेक स्टार्टअप बंगलूरू के पिक्सल ने भारत का पहला निजी satellite constellation 'फायरफ्लाई' सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह उपग्रह तारामंडल दुनिया का सबसे हाई-रेजोल्यूशन हाइपर स्पेक्ट्रल सैटेलाइट तारामंडल है। कुछ दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष सेक्टर में ही एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हमारे वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट्स की स्पेस डॉकिंग कराई है। जब अंतरिक्ष में 2 उपग्रहों को जोड़ा जाता है, तो इस प्रक्रिया को स्पेस डॉकिंग कहा जाता है। यह तकनीक अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन तक सप्लाई भेजने और क्रू मिशन के लिए अहम है। भारत ऐसा चौथा देश बना है, जिसने ये सफलता हासिल की है।

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