
PROBA-3 Mission: इसरो के रॉकेट से लॉन्च हुआ ESA का सैटेलाइट, जानें क्या है पूरा मिशन?
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Anjali
- December 5, 2024
ISRO Proba-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के PSLV C-59 रॉकेट ने गुरुवार को ऐतिहासिक उड़ान भरी। बुधवार को तकनीकी खराबी के कारण लॉन्चिंग टलने के बाद अब गुरुवार को इसको लॉन्च किया गया। यह लॉन्चिंग PROBA-3 (Launching PROBA-3) मिशन के तहत की जा रही है। इस मिशन को लॉन्च करने का काम इसरो का था। अपनी पीठ पर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3’ मिशन को लादकर यह शाम 4.04 बजे अंतरिक्ष की ओर चल पड़ा। ESA का यह स्पेसक्राफ्ट जैसे ही पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा, ISRO का बेंगलुरु ऑफिस खुशी से झूम उठा। श्रीहरिकोटा (Sriharikota) स्थित मिशन कमांड सेंटर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लॉन्च में शामिल सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।
प्रोबा-3 मिशन लॉन्च सफल: ISRO
इसरो ने PSLV-C59/PROBA-3 मिशन के सफल लॉन्च की घोषणा की। X पर अपने पोस्ट में ISRO ने बताया कि यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के सैटेलाइट्स को उनकी तय कक्षा में पहुंचा दिया गया है।
✅ Mission Success!
— ISRO (@isro) December 5, 2024
The PSLV-C59/PROBA-3 Mission has successfully achieved its launch objectives, deploying ESA’s satellites into their designated orbit with precision.
🌌 A testament to the trusted performance of PSLV, the collaboration of NSIL and ISRO, and ESA’s innovative…
क्या है पूरा मिशन?
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के इस मिशन के लिए इटली, स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, स्विट्जरलैंड और इटली की टीम ने मिलकर काम किया है। इसके जरिए एक साथ 2 सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे। ये सूर्य के इनर और आउटर कोरोना के बीच के गैप का अध्ययन करेंगे। यह अपनी कक्षा में काम करते हुए कई तरह की जानकारी जुटाने का काम करेंगे। सैटेलाइट के जरिए सूर्य के बारे में कई अहम जानकारी मिल सकें, इसके लिए इसमें खास तरह के 3 उपकरण ASPIICS , DARA और 3DEES लगाए गए हैं। 200 मिलियन यूरो की अनुमानित लागत तैयार हुआ प्रोबा-3 मिशन दो साल चलेगा। मिशन को दो उपग्रहों कोरोनाग्राफ और ऑकल्टरके साथ डिज़ाइन किया गया है जिन्हें एक साथ लॉन्च किया जाएगा। कोरोनाग्राफ सैटेलाइट का वजन 310 किलो और ऑकल्टर 240 किलो का है।
भारत को क्या फायदा होगा?
Proba-3 को यूरोपियन स्पेस एजेंसी का डिमॉन्स्ट्रेशन मिशन भी कहा जा रहा है। यह मिशन एजेंसी के लिए खास है। इसे लॉन्च करने के लिए इसरो को चुना गया है जिसे दुनिया की विश्वसनीय और तेजी से आगे बढ़ती स्पेस एजेंसी कहा जाता है। खास बात ये है कि भारतीय स्पेस एजेंसी कम बजट में लॉन्च करने की क्षमता रखती है। कई मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा भी किया गया है। इसके जरिए भारतीय वैज्ञानिकों के समूह को प्रोबा-3 डेटा की जानकारी मिलेगी और मिशन के जरिए एजेंसी का रुतबा दुनियाभर में और बढ़ेगा।
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