
Pakistan के National Day Celebration में अनुपस्थित रहे 'भारतीय अधिकारी', रणधीर जायसवाल ( Randhir Jaiswal ) की प्रतिक्रिया
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Renuka
- March 25, 2025
भारत ने लगातार दूसरे साल Pakistan के राष्ट्रीय दिवस समारोह का बहिष्कार किया। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को नकारते हुए कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे सक्रिय रूप से समर्थन देने के कारण हुआ है। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान द्वारा विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को सम्मानित करने की भी आलोचना की। जाकिर नाइक भारतीय अधिकारियों द्वारा वांछित है, और भारत का कहना है कि Pakistan ऐसे व्यक्तियों का समर्थन करके आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

भारत का यह जवाब पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी साद अहमद वराइच के बयान के बाद आया है। वराइच ने पाकिस्तान और भारत के संबंधों में सुधार के लिए ‘‘नई सुबह’’ की बात करते हुए कहा था कि आपसी समझ बढ़ाकर और कश्मीर जैसे विवादों को हल करके दोनों देशों के रिश्ते सुधर सकते हैं। इस समारोह में भारत का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था, और यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया था या नहीं। जब इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें निमंत्रण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रिश्तों की स्थिति पर निर्भर करता है कि क्या निमंत्रण स्वीकार किया जाएगा।
Randhir Jaiswal का बयान

Randhir Jaiswal ने पाकिस्तान को एक और टिप्पणी की जिसमें कहा कि- पाकिस्तान को ‘‘झूठ’’ फैलाने के बजाय अपने ‘‘अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र’’ को खाली करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि- दुनिया जानती है कि असली मुद्दा पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देना और उसे प्रायोजित करना है, और यही क्षेत्रीय शांति की सबसे बड़ी बाधा है।
बता दें कि जाकिर नाइक के पाकिस्तान में सम्मानित होने के सवाल पर भी रणधीर जायसवाल ने अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने नाइक को सम्मानित किया है। उनका कहना था कि यह साफ तौर पर दिखाता है कि Pakistan का दृष्टिकोण क्या है, और यह सवाल उठता है कि एक वांछित व्यक्ति को इतना समर्थन देने का पाकिस्तान का उद्देश्य क्या है।
जानकारों का क्या है कहना ?
भारत ने हमेशा यह कहा है कि वह Pakistan के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान के साथ शांति बढ़ाने के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात के रूप में मिला है। उनका यह भी कहना था कि भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपने रुख में बदलाव लाए और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए सद्बुद्धि दिखाए।
पाकिस्तानी उच्चायोग की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी उच्चायोग के साद अहमद वराइच ने इस राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से संप्रभु समानता, आपसी सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों पर आधारित रिश्ते बनाने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि यही दृष्टिकोण पाकिस्तान के भारत के साथ शांति स्थापित करने के प्रयासों का मार्गदर्शन करता है। वराइच ने कहा कि दक्षिण एशिया हमारा साझा घर है और इसे शांति, सुरक्षा और समृद्धि के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कूटनीति की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों को साझा समाधानों की ओर बढ़ने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की जरूरत है, और किसी पर दबाव नहीं डालना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक- वराइच ने इस दौरान यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी समझ और साझा चिंताओं को दूर कर कश्मीर जैसे विवादों को हल करके पाकिस्तान-भारत संबंधों में एक नई शुरुआत हो सकती है। उन्होंने यह बयान तब दिया जब दोनों देशों के रिश्ते 2019 में पुलवामा हमले के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद भारत ने बालाकोट में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी। भारत ने 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा भी खत्म कर दिया, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए।
माना जा रहा है कि अब आठ साल से अधिक समय हो गया है, जब से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। भारत ने बार-बार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ शांति चाहता है, लेकिन पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्त वातावरण प्रदान करना होगा।
पीएम मोदी ने भी की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि- पाकिस्तान के साथ शांति बढ़ाने के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात के रूप में मिला है। उनका मानना है कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव लाना होगा ताकि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सके।
दोनों देशों के रिश्तों में एक नई शुरुआत
इस समय, दोनों देशों के रिश्तों में सुधार तभी संभव है जब पाकिस्तान अपनी आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाए और शांति के लिए सकारात्मक कदम उठाए। भारत हमेशा से कहता आया है कि वह Pakistan के साथ शांति चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्ति हासिल करनी होगी। यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार का रास्ता केवल तब खुलेगा जब पाकिस्तान अपनी आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति से पीछे हटे और शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़े। भारत का मानना है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को छोड़कर शांति की दिशा में कदम उठाता है, तो दोनों देशों के रिश्तों में एक नई शुरुआत हो सकती है।
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