पढ़ाई के मामले में विदेशियों की पहली पसंद बना भारत, इस साल हुए रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन
- Anjali
- December 6, 2024
Study in India: दुनिया भर में भारत अपनी एक अलग ही पहचान बनाता जा रहा है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि बड़ी संख्या विदेशी छात्र भी भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बन रहे हैं। पिछले सालों की तुलना में 2024-25 रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। भारत में एक से बढ़कर एक शिक्षण संस्थान हैं, इसके बावजूद यहां से हर साल बड़ी संख्या में युवा पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। खासकर, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां पढ़ने वाले दूसरे देशों के छात्रों में भारतीयों की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत तक पहुंच गई है। दूसरी तरफ, विदेशी छात्र भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनने को तवज्जो दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार एकेडमिक ईयर 2024-25 के लिए 200 देशों से रिकॉर्ड 72,218 विदेशी छात्रों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनने का निर्णय लिया। यह संख्या पिछले साल 2023-24 के 64,000 छात्रों से कहीं अधिक है।
अब तक इतने रजिस्ट्रेशन
कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई के लिए भारत आने वाले विदेशियों की संख्या में कुछ गिरावट आई थी, लेकिन अब एक बार फिर से इसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। स्टडी इन इंडिया (SII) पोर्टल पर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए 200 देशों के 72,218 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जो दर्शाता है कि विदेशी स्टूडेंट्स भारत की शिक्षा प्रणाली से जुड़ाव को लेकर कितने उत्साहित हैं।
इस तरह बढ़ती गई संख्या
भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 2011-12 में केवल 16,410 थी, जो 2014-15 में बढ़कर 34,774 हुई। 2016-17 में यह आंकड़ा 47,575 तक पहुंच गया। 2019-20 में 49,348 विदेशी छात्रों ने इंडियन एजुकेशन सिस्टम पर भरोसा जताते हुए यहां का रुख किया। लेकिन कोरोना महामारी ने इस बढ़ती संख्या को प्रभावित किया और यह घटकर 2014-15 के स्तर पर पहुंच गई।
SII ने आसान किया काम
इसके बाद सरकार ने भारत आने की चाहत रखने वाले विदेशी छात्रों की सहायता के लिए कई कदम उठाए। 2023 में शुरू हुआ स्टडी इन इंडिया (SII) पोर्टल भी इसी का हिस्सा है। यह पोर्टल विदेशी छात्रों के लिए एडमिशन और वीजा प्रक्रियाओं आदि को सरल बनाता है। इस पोर्टल में 310 पब्लिक यूनिवर्सिटी सहित 638 संस्थानों के 8000 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ई-स्टूडेंट वीजा सुविधा भी यहां दी गई है। इस पोर्टल ने 2023 में नए सिरे से अपनी पहचान बनाई जब अगस्त में इसे एक केंद्रीकृत प्लेटफार्म के रूप में फिर से लॉन्च किया गया। जिससे विदेशी छात्रों के लिए एडमिशन और वीजा प्रक्रिया आसान हो गई।
शिक्षा मंत्री ने कही बड़ी बात
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार देश अब एक वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी ऐतिहासिक भूमिका को फिर से हासिल कर रहा है। जैसा कि तक्षशिला और नालंदा जैसे प्राचीन संस्थान इसका प्रतीक थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत भारत शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को अपनाते हुए रिसर्च सहयोग को बढ़ावा दे रहा है और अकादमिक आदान-प्रदान को सशक्त कर रहा है।
क्या है सरकार की कोशिश?
केंद्र सरकार भारत को दुनिया के सामने एक एजुकेशन हब के तौर पर पेश कर रही है। हमारे संस्थान विदेशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में आमंत्रित किया जा रहा है। IIT मद्रास ने 2023 में तंजानिया के ज़ांज़ीबार में एक कैंपस का उद्घाटन किया था, जबकि IIT दिल्ली ने 2024 में अबू धाबी में अपना कैंपस शुरू किया। यूजीसी रेगुलेशंस 2023 के अनुसार, ब्रिटेन की Southampton यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस खोलने वाली है। यह ऐसा करने वाली पहली यूनिवर्सिटी है। इसके अलावा, हमारे 49 विश्वविद्यालयों ने अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी भी की है।
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