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जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग का प्रस्ताव मंजूर, स्पीकर ओम बिरला ने बनाई जांच कमेटी

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग का प्रस्ताव मंजूर, स्पीकर ओम बिरला ने बनाई जांच कमेटी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) की कैश एट होम केस में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके खिलाफ लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने मंगलवार (12 अगस्त) को महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद में मंगलवार को महाभियोग प्रस्ताव में तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए मामले की जांच की कार्रवाई के आदेश दिए।

 


जानकारी के मुताबिक तीन सदस्यीय जांच कमेटी के महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 146 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के नेता शामिल हैं। इस प्रस्ताव में जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों का भी जिक्र किया और जल्द कार्रवाई करने के लिए कमेटी को आदेश दिए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बनाई जांच कमेटी में एक सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और एक वरिष्ठ वकील शामिल किए गए हैं।

 


तीन सदस्यीय जांच कमेटी पर स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने बताया कि भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की राय में इस मामले पर गहन जांच जरूरी है, साथ ही, शिकायत की प्रकृति को देखते हुए पद से हटाने की प्रक्रिया नियमों के अनुसार शुरू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘इस प्रस्ताव को उचित पाते हुए मैंने इसकी स्वीकृति प्रदान की है और पद से हटाने के अनुरोध पर जांच कमेटी बनाई है।’

 


बता दें कि जस्टिस वर्मा (Justice Verma) का कैश एट होम केस मामला तब आया जब दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगाले पर इसी साल होली के दिन आग लग गई थी। पुलिस को वहां भारी मात्रा में अधजली नकदी मिली थी। लेकिन इसके बाद चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला. जस्टिस वर्मा के स्टोर रूम से 500-500 रुपए के जले हुए नोटों के बंडल मिले, जो कि बोरे में भरकर रखे गए थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को शिकायत की, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में सूचित किया। सुप्रीम कोर्ट ने फिर जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के साथ उनके खिलाफ आतंरिक जांच बैठा दी।



सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने इन-हाउस जांच रिपोर्ट को चुनौती दी थी। इस बीच उन्हें न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए संसद में भी महाभियोग की तैयारी शुरू हो गई। हालांकि जस्टिस वर्मा ने खुद को निर्दोष बताते हुए इन तमाम आरोपों को साजिश करार दिया है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

 

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