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UP News : जामा मस्जिद मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सर्वे रिपोर्ट की होगी पेशी

UP News : जामा मस्जिद मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सर्वे रिपोर्ट की होगी पेशी

Jama Masjid Case : उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने निचली अदालत द्वारा जारी किए गए सर्वे आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी, जहां जामा मस्जिद के खिलाफ सिविल जज द्वारा दिए गए सर्वे आदेश की वैधता पर विचार किया जाएगा।


जामा मस्जिद मामले में आज सुनवाई
उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद में हुए सर्वे और हिंसा के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने सुना है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ द्वारा की जाएगी। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है, जिसमें उन्होंने संभल जिला अदालत के द्वारा मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने के आदेश को चुनौती दी है। यह याचिका "कमेटी ऑफ शाही जामा मस्जिद संभल बनाम हरि शंकर जैन" के नाम से दाखिल की गई है।


मस्जिद से पहले था हरिहर मंदिर
संभल में जामा मस्जिद के 19 नवंबर को हुए सर्वेक्षण के बाद से तनाव का माहौल बन गया है। इस सर्वे का आदेश उस याचिका पर दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद जिस स्थान पर स्थित है, वहां पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था। जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि इस तरह के आदेश से सांप्रदायिक तनाव बढ़ने, कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने और देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को नुकसान पहुंचने का खतरा है।


सर्वे रिपोर्ट होगी पेश
संभल में शाही जामा मस्जिद के स्थान पर हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले मामले में 29 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन, चंदौसी कोर्ट में पहली सुनवाई होगी। इस दिन सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश किए जाने की संभावना है। मामले को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं, खासकर जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए। जिला प्रशासन इस स्थिति को लेकर हाई अलर्ट पर है।


याचिका में क्या कहा ?
बता दें कि मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि 19 नवंबर को संभल कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें जामा मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। उसी दिन, बिना मस्जिद समिति का पक्ष सुने, सीनियर डिवीजन सिविल जज ने सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। एडवोकेट कमिश्नर ने उसी शाम को मस्जिद का सर्वे शुरू कर दिया, और फिर 24 नवंबर को भी सर्वे हुआ। इस काम को इतनी जल्दबाजी में किया गया कि लोगों में शक उत्पन्न हो गया, जिसके बाद वे अपने घरों से बाहर निकल आए। तनाव बढ़ने पर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।


न्यायिक जांच आयोग का गठन
संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, देवेन्द्र कुमार अरोड़ा करेंगे। आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करके सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है।

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