
क्या आपको कन्नड़ आती है? CM सिद्धारमैया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से किया सवाल, जवाब सुनकर सभा में गूंजी तालियां
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Anjali
- September 3, 2025
मैसूरु में आयोजित कर्नाटक विधानसभा कार्यक्रम 2025 के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) के बीच हल्के-फुल्के अंदाज में संवाद देखने को मिला। इस मौके पर CM सिद्धारमैया कन्नड़ सवाल पूछते हुए मुस्कुराए और बोले – “क्या आपको कन्नड़ आती है?”। राष्ट्रपति ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया। उनका यह जवाब इतना शानदार था कि पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। यही वजह है कि राष्ट्रपति मुर्मू का कन्नड़ जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्नाटक दौरा सोमवार को हुआ, जहां वे मैसूरु स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग (AIISH) के डायमंड जुबली समारोह में शामिल हुईं। मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वागत भाषण की शुरुआत कन्नड़ में की और हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा – “क्या आपको कन्नड़ आती है?”। इस सवाल पर राष्ट्रपति मुर्मू का कन्नड़ जवाब सुनकर हॉल तालियों से गूंज उठा।
अपने जवाब में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भले ही कन्नड़ उनकी मातृभाषा नहीं है, लेकिन उन्हें भारत की हर भाषा, संस्कृति और परंपरा से गहरा लगाव है। उन्होंने साफ कहा कि वे धीरे-धीरे कन्नड़ सीखने की कोशिश जरूर करेंगी। इस दौरान उन्होंने भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को देश की ताकत बताया। उनके इस बयान से कर्नाटक विधानसभा कार्यक्रम 2025 में मौजूद सभी लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं।
जानकारी के अनुसार CM सिद्धारमैया कन्नड़ सवाल अक्सर चर्चा का विषय बन जाता है। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि “कर्नाटक में रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ सीखनी चाहिए, क्योंकि हम सभी कन्नडिगा हैं।” उनके इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका था। ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू का कन्नड़ जवाब बेहद अहम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्नाटक दौरा के दौरान मंच पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और सांसद यदुवीर वाडियार भी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत में CM सिद्धारमैया कन्नड़ सवाल पूछते हुए हंसी-मजाक भरे अंदाज में नजर आए, जबकि राष्ट्रपति ने अपने जवाब से सबका दिल जीत लिया।
इस पूरे संवाद ने साबित कर दिया कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृतियों को जोड़ने वाली शक्ति भी है। राष्ट्रपति ने कहा कि हर किसी को अपनी मातृभाषा और संस्कृति को जीवित रखना चाहिए। उनका यह बयान कर्नाटक विधानसभा कार्यक्रम 2025 का सबसे खास पल बन गया और लोगों के दिलों को छू गया।
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