Chhath Puja 2024 : छठ महापर्व का आखिरी दिन बेहद खास, जानें पारण के बाद क्या खाएं
- Anjali
- November 8, 2024
Chhath Puja 2024 : छठ महापर्व का शुरुआत नहाय खाय से होती है और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होती है, जो कि 5 नवंबर से शुरू हुई थी और समापन 7 नवंबर के दिन होगा। छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह चार जिन धूमधाम के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इसका समापन हो जाता है। 8 नवंबर के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा। आइए जानते हैं छठ महापर्व के आखिरी दिन क्या करें क्या ना रें।
छठ व्रत का पारण कैसा करें
छठ महापर्व के आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद घाट पूजन जरूर करें। उसके बाद छठ माता को चढ़ाया गाया प्रसाद सभी में बाटें। ऐसा मान्यता है कि प्रसाद जितना ज्यादा बांटा जाएं, व्रत का शुभ परिणाम तभी मिलता है। उसके बाद छठ पूजा का व्रत खोलने से पहले पूजा में चढ़ाए प्रसाद जैसे कि ठेकुआ, मिठाई आदि ग्रहण करें। व्रत का पारण कभी भी मसालेदार भोजन करके नहीं करना चाहिए। इससे सेहत भी बिगड़ जाती है और व्यक्ति को व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाता है।
व्रत पारण से पहले क्या करें
छठ के व्रत का पारण करने से पहले सूर्योदय से पहले का स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद सूर्योदय से पहले ही पारण के लिए प्रसाद तैयार कर लें। प्रसाद में ठेकुआ, फल, दूध आदि चीजें शामिल की जाती हैं। इसके बाद छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की उपासना करें और उगते सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जरूरतमंद लोगों को दान जरूर दें। व्रत का पारण करते समय शुद्धता का विशेष रूप से ख्याल रखें। पारण में सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
छठ महापर्व के दौरान साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। विशेष रूप से घाट पर पूजा करने के लिए जाने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि घर की सफाई पूरी तरह से की गई हो।
छठ पर्व पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व
छठ पर्व में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि सूर्य को जीवन का कारक माना जाता है। वह सौरमंडल का केंद्र है और सभी ग्रहों को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है। छठ पूजा पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भक्तजन सूर्य देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतान को लंबी आयु और स्वस्थ जीवन का भी आशीर्वाद मिलता है।
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