
पृथ्वी पर वापस आने के बाद क्या सुनीता विलियम्स को हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स?
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Manjushree
- March 19, 2025
Sunita Williams: 59 साल की सुनीता विलियम्स और 62 वर्षीय बुच विल्मोर की धरती पर वापसी का इंतजार हो रहा था। यह इंतजार भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे पर खत्म हुआ है। सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आईं। सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) धरती पर लौट चुकी हैं। यह सभी के लिए बहुत खुशी का दिन है, खासतौर पर उनके गांव जो गुजरात के मेहसाणा में है।
लेकिन अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहने के बाद उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से शरीर में कई शारीरिक बदलाव आते हैं। सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव शरीर पर पड़ता है। सुनीता विलियम्स को अब पृथ्वी पर शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

बता दें कि बीते साल जून में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में गए थे। उनका यह मिशन तकनीकी दिक्कतों और शेड्यूल में बदलाव के चलते काफी चुनौतीपूर्ण रहा। यह मिशन केवल 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह 9 महीने तक विस्तारित हो गया। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से फ्लोरिडा के तट पर हुई। 286 दिनों के बाद वे स्पेस से धरती पर वापस लौट आए हैं।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के कम होने और शारीरिक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रभाव के कारण कई तरह के नकारात्मक असर देखने को मिल सकते हैं।
ये भी पढ़े- 286 दिन बिताने के बाद सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी
एक्सपर्ट बताते हैं कि अंतरिक्ष में रहने के कारण हृदय, मस्तिष्क और संचार प्रणाली भी प्रभावित होती है। अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के कारण मस्तिष्क में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे सुनने की क्षमता में कमी, दृष्टि की कमजोरी और मस्तिष्क में सूजन होने की दिक्कत भी हो सकती है। रिसर्च से पता चला है कि अंतरिक्ष यात्रियों के हार्ट का आकार लगभग 9.4 प्रतिशत ज्यादा गोल हो जाता है। पृथ्वी पर लौटने के बाद, हृदय को फिर से सामान्य कार्यप्रणाली में आने में समय लग सकता है। ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है। अंतरिक्ष में स्पेस रेडिएशन के कारण अंतरिक्ष यात्रियों में दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कैंसर, डिजनरेटिव डिजीज और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं का खतरा भी रहता है।
अंतरिक्ष में तैरते हुए यात्रियों के पैरों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता, जिससे उनके पैरों के संपर्क से उत्पन्न होने वाली कठोर परतें मुलायम हो जाती हैं। इसके कारण उनके पैरों की त्वचा संवेदनशील हो जाती है और छिलने लगती है, जैसे नवजात शिशु के पैरों की त्वचा।
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि सिर में दबाव बढ़ जाता है, जिससे ऑप्टिक नर्व पर असर पड़ता है। कुछ अंतरिक्ष यात्रियों को धुंधला दिखने लगता है, जिससे वे पढ़ने-लिखने में दिक्कत महसूस कर सकते हैं।
9 महीने में सुनीता विलियम्स ने लगभग 270 एक्स-रे के बराबर विकिरण का सामना किया। लंबे समय तक इस विकिरण के संपर्क में आने से इम्यूनिटी तंत्र कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को मांसपेशियों और हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अंतरिक्ष में यात्री हर महीने अपनी हड्डियों का 1% हिस्सा खो सकते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से और पैरों की मांसपेशियों की ताकत और आकार कम हो सकती है, क्योंकि उनका उपयोग शरीर के वजन को सहारा देने के लिए नहीं किया जाता। इसी तरह, हड्डियों और रीढ़, कूल्हों और पैरों में मिनरल की कमी हो सकती है, जिससे फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है। पृथ्वी पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को खड़े होने, चलने और संतुलन बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, इस कारण उन्हें धरती पर वापस आने के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

एक्सपर्ट के अनुसार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस सामान्य होने में कई हफ्ते लगते हैं। मेडिकल जांच की प्रक्रिया से निकलने के बाद दोनों अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान हुए अपने अनुभव, चुनौतियों और सफलताओं के बारे में बताएंगे।
सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर (Butch Wilmore) व अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर से नासा के फ्लोरिडा स्टेशन के करीब स्थित लैब में ले जाया गया, जहां उनकी और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से लौटे अंतरिक्ष यात्रियों की जांच हुई।
सुनीता कुछ समय पुनर्वास केंद्र में बिताएंगी और वैज्ञानिकों से क्लियरेंस मिलने के बाद उनका परिवारवालों से मिलना सुनिश्चित हो जाएगा।
परिवार के साथ समय बिताना अंतरिक्ष यात्रियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इससे उन्हें अपने प्रियजनों से जुड़ने और पृथ्वी पर वापस सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिलती है।
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