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महाराष्ट्र विधानसभा कब होगा सस्पेंस ख़त्म? राजनीति फिर गरमाई

महाराष्ट्र विधानसभा कब होगा सस्पेंस ख़त्म? राजनीति फिर गरमाई

महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को आजाद मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा। इससे पहले 4 दिसंबर को मुंबई में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इसमें औपचारिक रूप से नेता का चुनाव किया जाएगा। इस बैठक के लिए भाजपा ने गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। शिंदे की नाराजगी के बाद भाजपा ने भले ही राज्य में अपना रुख सख्त कर लिया हो, लेकिन राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम में कई उलटफेर होने की संभावना है। महाराष्ट्र में महायुति की बड़ी जीत के बाद देवेंद्र फडणवीस को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उनका सीएम बनना तय माना जा रहा है, लेकिन राजनीतिक जानकार किसी आश्चर्य से इनकार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा विधायक दल की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

 

इन उलटफेरों की संभावना

1. कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे भाजपा विधायक दल की बैठक पर नजर बनाए हुए हैं। अगर इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुना जाता है तो शिंदे के उसी हिसाब से फैसला लेने की चर्चा है। सूत्रों की मानें तो ऐसी स्थिति में सीएम एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा बन सकते हैं और डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर सकते हैं। अगर बीजेपी से कोई नया चेहरा आता है तो शिंदे उसके अधीन डिप्टी सीएम बनना शायद ही स्वीकार करें।

 

2. बीजेपी मुख्यमंत्री पद के साथ गृह विभाग भी अपने पास रखने पर अड़ी नजर आ रही है। बीजेपी द्वारा यह विभाग शिवसेना को दिए जाने की संभावना बहुत कम है। पहले कार्यकाल में भी देवेंद्र फडणवीस ने गृह विभाग अपने पास रखा था, जबकि सरकार को शिवसेना का समर्थन प्राप्त था। एकनाथ शिंदे गृह विभाग की मांग करके सत्ता में अपनी भागीदारी में अच्छा सौदा चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने शहरी विकास और स्पीकर का पद भी मांगा है।

 

3. सवाल यह है कि शिंदे आखिरकार डिप्टी सीएम बनना क्यों स्वीकार कर सकते हैं? इसका सीधा जवाब यह है कि वे पार्टी में कोई दूसरा पवार सेंटर नहीं चाहेंगे। पिछले सालों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां लोगों को मजबूरी में सीएम बनाया गया। बाद में वे खुद ही सत्ता के केंद्र बन गए। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शिंदे आखिरी वक्त में सरकार विरोधी बात पर राजी हो सकते हैं। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे ने पहले ही डिप्टी सीएम की रेस से खुद को अलग कर लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर सीएम शिंदे खुद डिप्टी सीएम बनते हैं तो पार्टी में किसी तरह का असंतोष नहीं होगा।

 

क्या अंत तक सस्पेंस बना रहेगा?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने 236 सीटें जीती हैं। इनमें से 132 सीटें भाजपा, 57 सीटें शिवसेना और 41 सीटें एनसीपी के खाते में गई हैं। ऐसे में नई सरकार में 50:30:20 का फॉर्मूला बरकरार रहने की उम्मीद है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो सीएम पद पर सस्पेंस 4 दिसंबर को खत्म हो सकता है, लेकिन शिंदे और मंत्रियों पर सस्पेंस शपथ ग्रहण समारोह तक बना रह सकता है, क्योंकि मौजूदा हालात में भाजपा शिवसेना की ज्यादा सुनने के मूड में नहीं दिख रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति शिवसेना खेमे में है। शिंदे जहां खुद को केंद्र के खेमे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी के नेता शिंदे की अहमियत गिना रहे हैं।

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