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Vijaya Raje Scindia Birth Anniversery : पीएम मोदी ने विजया राजे सिंधिया को दी श्रद्धांजलि, अमित शाह की 'रणनीति' पर हो रहा काम

Vijaya Raje Scindia Birth Anniversery : पीएम मोदी ने विजया राजे सिंधिया को दी श्रद्धांजलि, अमित शाह की 'रणनीति' पर हो रहा काम

Vijaya Raje Scindia Birth Anniversery : आज ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की पूर्व राजमाता और जनसंघ पार्टी के संस्थापकों में से एक रहीं विजया राजे सिंधिया (Vijaya Raje Scindia) की जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के अलावा, राजस्थान में भी प्रदेश भाजपा के मुखिया मदन राठौड़ सहित तमाम नेताओं ने विजया राजे सिंधिया को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया है।

 

वसुंधरा राजे की मां और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी थीं विजया राजे सिंधिया

वहीं विजया राजे सिंधिया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि (Vijaya Raje Scindia's Birth Anniversery) देना सियासी लिहास से भी खासा अहमियत रखता है। दरअसल विजया राजे सिंधिया राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रहीं यशोधरा सिंधिया और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की मां भी थीं। यानि विजया राजे सिंधिया ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी थीं।

 

राजस्थान में कई मंत्रियों ने करवाई सरकार और भाजपा की किरकिरी

सियासी जानकारों की मानें तो राजस्थान में पिछले कुछ समय से जो कुछ सियासी घटनाक्रम चल रहा है, उससे भाजपा (BJP) शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं है। एक तरफ सरकार के मंत्री अपनी ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर आए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया हुआ है और तमाम कोशिशों के बाद भी वे इतने लंबे समय में भी अपना इस्तीफा वापस लेने को राजी नहीं हुई हैं। इससे भाजपा सरकार की जनता में जमकर किरकिरी हो रही है। इसके अलावा डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल, मदन दिलावर (Madan Dilawar) के बयान भी सरकार के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

 

सदस्यता अभियान का टारगेट भी पूरा नहीं कर सकी राजस्थान भाजपा

दूसरी ओर भाजपा की ओर से जो सदस्यता अभियान चलाया गया, उसमें राजस्थान में भाजपा के नेता 23 लाख नए सदस्य भी नहीं बना पाए, जबकि दिल्ली की ओर से राजस्थान को 50 लाख नए सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया था। ऐसे में राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) संगठन इस टारगेट को आधा भी हासिल नहीं कर सका है।

 

पीएम मोदी ने दी विजया राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि, वसुंधरा राजे को खुश करने की कोशिश!

ऐसे में जानकारों की मानें तो केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की रणनीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के एक्स हैंडल से विजया राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि दिलवाकर फिर से वसुंधरा राजे को पावरफुल दिखाने की कोशिश की जा रही है, ताकि उनकी नाराजगी को दूर किया जा सके। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने भी अपनी एक्स पोस्ट में विजया राजे के साथ अपनी वो तस्वीर साझा की, जिसमें मोदी एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन दे रहे हैं, वहीं मंच पर पार्टी के अन्य गणमान्य वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस तरह पीएम मोदी की ओर से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि विजया राजे सिंधिया का पीएम मोदी पर हमेशा से ही स्नेह रहा।

 

ग्वालियर राज घराने की आखिरी राजमाता रहीं विजयाराजे सिंधिया बता दें विजया राजे सिंधिया ग्वालियर के पूर्व राजघराने की राजमाता थीं। उनका विवाह जीवाजी राव सिंधिया (Jiwaji Rao Scindia) से हुआ था, जो कि ग्वालियर के आखिरी महाराजा थे। इसके बाद भारत को स्वतंत्रता मिल जाने से राजपरिवारों का अस्तित्व खत्म हो गया था। गौरतल बै कि सिंधिया राजवंश की स्थापना राणोजी सिंधिया ने की थी, जो महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गाँव कन्हेरखेड के पाटिल जानकोजीराव सिंधिया के बेटे थे। इसके बाद पेशवा बाजीराव के दौर में मराठा साम्राज्य को मजबूती मिली। राणोजी 1726 में मालवा में मराठा विजय के प्रभारी थे। इस तरह प्राचीन काल में ग्वालियर में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र शामिल थे। इसके बाद 1947 में जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली, तो तब के ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया भारत सरकार में शामिल हो गए।

महाराष्ट्र चुनाव में सिंधिया परिवार के जरिए वोट साध सकती है भाजपा माना जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election) में भी भाजपा की ये रणनीति कमाल दिखा सकती है क्योंकि ग्वालियर के साम्राज्य में वे हिस्से भी शामिल थे, जो आज महाराष्ट्र में हैं। ऐसे में इन हिस्सों में भाजपा सिंधिया परिवार के सदस्यों को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंप सकती है, ताकि पार्टी चुनाव में इस क्षेत्र में अच्छा वोट हासिल कर सके।

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