
राइजिंग राजस्थान की सच्चाई, गंदगी, अव्यवस्था, टूटी सड़कें
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Ashish
- December 4, 2024
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट के तहत भजन लाल सरकार राजस्थान में इंवेस्टमेंट लेकर आने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिन आज जब हम ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर सरकार की तैयारियों का जायजा लेने निकले तो और राजस्थान की राजधानी जयपुर को देखा तो कथनी और करनी में बहुत अंतर मिला।
राइजिंग राजस्थान के तहत सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर रही है पर जमीनी हालत पर ट्रैफिक, गंदगी, गड्डो वाली सड़क, जैसी समस्याओ से अभी तक जयपुर वाले दो चार हो रहे है।
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर गंदगी
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन दोनो ऐसी जगह है जहां से जयपुर में रोज हजारों यात्री यात्रा करते है। लेकिन बस स्टैंड के बाहर प्राइवेट बसों का अतिक्रमण इतना ज्यादा है, जिसकी वजह से यहाँ हमेशा जाम लगा रहता है और रोड से निकलना भी बहुत मुश्किल होता है। जयपुर का सिंधी कैंप बस स्टैंड केंद्रीय बस स्टैंड है, जहां से राज्य में नहीं बल्कि अंतरराज्यीय बसे रोज चलती है। यहाँ एंट्री गेट पर हो गंदगी और बदबूदार पानी जमा होने के कारण यात्री बस स्टैंड के अंदर एंट्री नहीं कर सकते है। गंदगी और बदबू का आलम ये है की उस जगह पर एक मिनट भी खड़ा होना बहुत मुश्किल हो जाता है । बस स्टैंड के बाहर बने होटल और स्टॉल पर भी ऐसा ही नजारा देख़ने को मिलता है। ऐसे में यात्री गंदगी में ही खड़े होकर खाने-पीने को मजबूर है।
टूटी हुई सड़के ट्रैफिक जाम
सड़क जो किसी भी शहर की लाइफ लाइन कही जाती है। आप चाहे किसी भी तरफ से आये। चाहे अजमेर की तरफ से, चाहे दिल्ली या आगरा की तरफ से जयपुर की टूटी सड़के और ट्रैफिक जाम से आप को दो चार होना ही पड़ेगा। शहर के न्यू गेट पर जहां हाल ही के दिनों में सड़क का निर्माण किया गया। वहां पर भी रोड के बीच में गड्डा छोड़ दिया गया है। जिससे हमेशा गाड़ियों के गिरने तथा एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है
राइजिंग राजस्थान के तहत जयपुर को हरा भरा बनाने के लिए JDA ने पिटोनिया और गुलदाउदी जैसे महगें पौधे लगाने का ठेका जारी किया था ताकि शहर हरा भरा दिख सके। लेकिन अधिकारियो और ठेकेदारों की मिली भगत के चलते मिट्टी के गमलो के बजाय प्लास्टिक के गमले लगा दिए बता दे प्लास्टिक के गमले का रेट मिट्टी के गमलो से 30 से 40 परसेंट तक कम होती है । इस पर अधिकारियो ने अपनी आँख बंद कर ली है।
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